देश में गेहूं की बढ़ती कीमतों पर खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा, " मूल्य वृद्धि असामान्य नहीं है. जैसा कि इसका अनुमान लगाया जा रहा है या माना जा रहा है. ये सामान्य है. जब सरकार को लगेगा कि असामान्य प्राइस हाई हुआ है तब वो सरकार हस्तक्षेप करेगी."
एफसीआई के चेयरमैन अशोक के मीणा ने गेहूं और चावल के मौजूदा स्टॉक के संबंध में एनडीटीवी को कहा, " 1 अक्टूबर तक देश में गेहूं के 227 लाख मैट्रिक टन स्टॉक उपलब्ध था. जबकि बफर नाम 205 लाख मैट्रिक टन का है हमारे आकलन के मुताबिक 1 अप्रैल 2023 तक देश में 113 लाख मैट्रिक टन गेहूं उपलब्ध रहेगी. जबकि बफर नम 1 अप्रैल तक 75 लाख मैट्रिक टन का है."
उन्होंने बताया, " चावल की स्टाक पोजीशन भी 1 अक्टूबर को 205 लाख मैट्रिक टन की है जबकि बफर नाम 103 लाख मैट्रिक टन का है." मीणा ने कहा कि एफसीआई सरकार के अधीन काम करती है अगर खाद्य मंत्रालय की तरफ से हमें निर्देश मिलते हैं कि चावल और गेहूं के अतिरिक्त स्टॉक को मार्केट में बेचने के लिए उतारना जरूरी है तो एफसीआई जरूरी पहल करेगी.
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