पूनावाला मेरी बहन को पीटता और फिर माफी मांग लेता था: श्रद्धा वालकर के भाई ने अदालत में कहा

आरोपी पूनावाला के साथ लिव-इन में रहने वाली श्रद्धा की पिछले साल 18 मई को कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी गयी थी. ऐसा आरोप है कि पूनावाला ने श्रद्धा के शव के टुकड़े-टुकड़े किए, उन्हें फ्रिज में रखा और कई दिनों तक उन्हें शहर के सुनसान इलाकों में फेंकता रहा. उसके शव के कई टुकड़े बाद में एक नजदीकी जंगल में पाए गए.

पूनावाला मेरी बहन को पीटता और फिर माफी मांग लेता था: श्रद्धा वालकर के भाई ने अदालत में कहा

नई दिल्ली: श्रद्धा वालकर के भाई ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि आफताब अमीन पूनावाला आए दिन उसकी बहन को पीटता था और फिर माफी मांगता. उसे माफ करने के लिए मना लेता था. अदालत ने इस सनसनीखेज हत्याकांड में गवाहों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है.

आरोपी पूनावाला के साथ लिव-इन में रहने वाली श्रद्धा की पिछले साल 18 मई को कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी गयी थी. ऐसा आरोप है कि पूनावाला ने श्रद्धा के शव के टुकड़े-टुकड़े किए, उन्हें फ्रिज में रखा और कई दिनों तक उन्हें शहर के सुनसान इलाकों में फेंकता रहा. उसके शव के कई टुकड़े बाद में एक नजदीकी जंगल में पाए गए.

श्रीजय विकास वालकर ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ के समक्ष सरकारी अभियोजन के गवाह के रूप में बयान दर्ज कराए.  श्रीजय ने कहा कि उसके परिवार ने श्रद्धा को पूनावाला के साथ रिश्ते में न रहने की सलाह दी थी जिसके बाद वह मुंबई में उस घर को छोड़कर चली गयी थी. जहां वह आरोपी के साथ रहती थी.

श्रद्धा के भाई के अनुसार उसने कहा था कि उसकी उम्र 25 साल हो चुकी है तथा वह ‘‘अपने फैसले खुद ले सकती है.'' श्रीजय ने अदालत को बताया कि उनकी बहन और पूनावाला 2018-19 में एक कॉल सेंटर में काम करने के दौरान मिले थे. उसने कहा, ‘‘श्रद्धा ने कहा कि वह पूनावाला के साथ लिव-इन में रहना चाहती है. हमने उसे समझाने की कोशिश की. हालांकि, ऐसा लगता था कि वह आरोपी के प्रभाव में है और उसने अपना घर छोड़ दिया. मुंबई के नायगांव में किराये पर रहने लगी.''

श्रीजय ने बताया कि श्रद्धा के घर छोड़कर जाने के करीब दो हफ्ते बाद उसने उन्हें बताया कि पूनावाला कभी-कभार उससे गाली गलौज करता है और उससे मारपीट भी करता है. श्रीजय ने कहा, ‘‘हर ऐसी घटना के बाद पूनावाला झगड़े और पिटाई के लिए श्रद्धा से माफी मांगता था और वह माफ कर देती थी. उसके साथ ही रहती थी. मेरी मां की मौत के बाद, हमने उसे फिर समझाने की कोशिश की लेकिन वह पूनावाला को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुई.''

उन्होंने कहा कि इसके बाद परिवार का श्रद्धा से संपर्क टूट गया क्योंकि ‘‘हमें लगा कि वह पूरी तरह से आरोपी के प्रभाव में है.'' श्रीजय के अलावा दो अन्य महत्वपूर्ण गवाहों - एक ऑटो चालक और श्रद्धा के एक पड़ोसी ने भी अदालत में गवाही दी और उनके बयान दर्ज किए गए.

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अदालत ने श्रद्धा वालकर के भाई के बयान दर्ज करने के साथ तीनों गवाहों से जिरह पूरी करने के लिए मामले की अगली सुनवाई के वास्ते 12 जुलाई की तारीख तय की है. अभियोजन पक्ष के अन्य गवाह 17 और 18 जुलाई को अपने बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में पेश होंगे. अदालत ने नौ मई को पूनावाला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत आरोप तय किए थे.