NDA Parliamentry Meeting: देश में एक बार से एनडीए सरकार बनने जा रही है. 9 जून को पीएम मोदी का शपथ ग्रहण होना है. इससे पहले आज संसद भवन में एनडीए संसदीय चल की बैठक हो रही है. बैठक में पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार जैसे तमाम बड़े नेता एक ही मंच पर मौजूद हैं. पीएम मोदी जैसे ही बैठक में पहुंचे वहां मौजूद सांसदों और नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया गया.
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वहीं सबसे ज्यादा ध्यान उस पल ने खींचा, जब पीएम मोदी ने सबसे पहले संविधान (PM Modi Constitution) के आगे शीश नवाया. बैठक हॉल में पहुंचने के बाद पीएम ने देश के संविधान को अपने माथे से लगाया और प्रमाण भी किया. इसके कई सियासी मायने भी हैं.
PM मोदी ने संविधान को माथे से लगाया
लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष यह दावा कर रहा था कि मोदी सरकार अगर सत्ता में आई तो देश के संविधान को बदल देगी. यह मुद्दा चुनाव में खूब छाया रहा. विपक्ष ने यह कहते हुए वोट मांगे कि मोदी सरकार अगर दोबारा सत्ता में आई तो वह संविधान को ही बदल देगी. लेकिन पीएम मोदी ने संविधान को माथे से लगाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि देश का संविधान सर्वोपरि है. उससे ऊपर कुछ भी नहीं है.
विपक्ष और देशवासियों को क्या संदेश
पीएम मोदी ने देश और विपक्ष को यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी सरकार संविधान के हिसाब से ही काम करती रही है और आगे भी संविधान के हिसाब से ही कामकाज करेगी. संविधान के प्रति उनके मन में पूरा विश्वास और सम्मान है.
नीतीश-नायडू से गर्मजोशी से मिले पीएम मोदी
इसके बाद उन्होंने नव निर्वाचित सांसदों और वाहं मौजूद नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान पूरा हॉल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा. पीएम मोदी मंच पर चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के साथ बैठे. इस दौरान उनके बीच अलग ही बॉन्ड देखने को मिला.
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