
- प्रधानमंत्री मोदी नौ सितंबर को पंजाब के गुरदासपुर और हिमाचल प्रदेश के कई जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.
- पंजाब में बाढ़ के कारण सभी 23 जिले प्रभावित हैं और सैकड़ों गांव जलमग्न हो चुके हैं, जिससे भारी नुकसान हुआ है.
- हिमाचल में मानसून के दौरान भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सिंतबर यानि कल बाढ़ प्रभावित पंजाब के गुरदासपुर और हिमाचल प्रदेश के कई जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. पंजाब में नदियां उफान पर हैं, जिससे प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जल प्रलय की स्थिति है. उधर, हिमाचल में बादलों के फटने और भारी बारिश ने कहर बरपाया है. पंजाब और हिमाचल प्रदेश में प्राकृति का कहर टूटा है, जिसमें हजारों करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 300 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो गई है. हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया था और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था.
पंजाब में ग्राउंड रियलिटी को समझेंगे PM मोदी
पंजाब में बाढ़ की विकट स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने गहरी चिंता जताई है और हालात का जायजा लेने का निर्णय लिया है. पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 9 सितंबर को पंजाब का दौरा करेंगे. इस दौरान वे स्थानीय परिस्थितियों को नजदीक से समझेंगे और प्रभावित लोगों को अधिकतम सहायता पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे. उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी पंजाब में बाढ़ की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं और इस पर लगातार नजर रख रहे हैं. वे 9 सितंबर को पंजाब का दौरा कर रहे हैं, ताकि वे खुद स्थिति का जायजा ले सकें और ग्राउंड रियलिटी को समझ सकें, जिससे पंजाब के लोगों को ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाई जा सके. पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए भेजी गई केंद्र सरकार की दो टीमें अपने दौरे के बाद केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी. भारत सरकार पंजाब के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है.'

पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है. नदियां उफान पर हैं, जिससे हर जगह सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. स्थिति यह है कि पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ प्रभावित घोषित किए जा चुके हैं. सैकड़ों गांव जलमग्न हैं. कम से कम 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं.

हिमाचल में हालत का जायजा लेने के लिए PM मोदी का हवाई सर्वेक्षण
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों का हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि पीएम मोदी का कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में दौरा 9 तारीख को प्रस्तावित है. प्रधानमंत्री को हिमाचल में आपदा से हुए नुकसान पर विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी और उनसे रिलीफ फंड भेजने की भी मांग की जाएगी. इस दौरान अगर मौसम ठीक रहा, तो पीएम मोदी प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेझण भी कर सकते हैं.

4,080 करोड़ रुपये का नुकसान, 366 की गई जान
हिमाचल प्रदेश में 20 जून से सात सितंबर तक भारी बारिश के कारण बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाओं से लगभग 4,080 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून में बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, इन 366 लोगों में से 203 की मौत बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई, जिनमें 42 मौतें भूस्खलन के कारण, 17 बादल फटने और नौ अचानक आई बाढ़ से की वजह से हुई हैं. एसईओसी के मुताबिक, 41 लोग अब भी लापता हैं और 163 मौतें दुर्घटनाओं में हुईं. उसने बताया कि कुल 6,247 घर और 460 दुकानें/कारखाने पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
हिमाचल पर टूट रहा कुदरत का कहर
भूस्खलन की घटनाएं हर दिन बढ़ रही हैं और 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य के कई हिस्सों में 135 बड़े भूस्खलन, 95 अचानक बाढ़ आने और 45 बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है. वर्तमान में राज्य में 826 सड़कें बंद हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-3 (मंडी-धर्मपुर मार्ग) और एनएच-305 (औट-सैंज मार्ग) शामिल हैं। इसके अलावा, 1,480 बिजली ट्रांसफार्मर और 336 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. कुल्लू क्षेत्र में सबसे अधिक 227 सड़कें बंद हैं. इसके बाद मंडी में 191, शिमला क्षेत्र में 146 और चंबा क्षेत्र में 88 सड़कें बंद हैं. सेब परिवहन के लिए महत्वपूर्ण शिमला-थियोग मार्ग छैला के पास जारी भूस्खलन के कारण बंद हो गया है. इसके परिणामस्वरूप सेब से लदे ट्रक और टेंपो सहित कई वाहन फंसे हुए हैं. हिमाचल प्रदेश में एक जून से सात सितंबर तक औसतन 948.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 652.1 मिमी वर्षा की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक है.
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