
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने गुरुवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर कम दृश्यता (Low-Visibility) के दौरान नॉन-CAT III अनुपालन पायलटों को रोस्टर करने के लिए एयर इंडिया और स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पायलटों के पर्याप्त प्रशिक्षित न होने के कारण दिल्ली जाने वाली कई उड़ानों में बदलाव करना पड़ा था.
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि एयरलाइंस को नोटिस तब जारी किया गया जब यह पाया गया कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में उड़ानों में परिवर्तन किया गया. इन एयरलाइंस ने नॉन-CAT III अनुपालन पायलटों को रोस्टर किया था. इन पायलटों को लो विजिबिलिटी की स्थिति में उड़ान भरने या उतरने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया था.
दिल्ली में 24-25 और 27-28 दिसंबर को आधी रात में कोहरे के कारण कम दृश्यता के कारण हवाई अड्डे पर 50 से अधिक फ्लाइटों के मार्ग परिवर्तन किए गए थे. अधिकारी ने कहा कि, "एयरलाइंस को 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है."
26 दिसंबर को विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर जाने के कारण आईजीआई हवाई अड्डे पर उड़ानों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ था. एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक 50 मीटर की दृश्यता को शून्य दृश्यता माना जाता है. सुबह 8.30 बजे दृश्यता में थोड़ा सुधार हुआ जब दृश्यता 75 मीटर थी, लेकिन बाद में यह फिर से घटकर 50 मीटर रह गई थी.
दिल्ली हवाईअड्डे की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया कि, "जब दिल्ली हवाईअड्डे पर लैंडिंग और टेक-ऑफ जारी है, CAT III अनुपालन नहीं करने वाली उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं. यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपडेटेड फ्लाइट इनफार्मेशन के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें. किसी भी असुविधा के लिए हमें गहरा खेद है."
हवाई अड्डे के अधिकारियों ने एंटी-फॉग लैंडिंग सिस्टम शुरू किया था, जिसे तकनीकी रूप से CAT-III इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) कहा जाता है. रनवे दृश्यता स्तर कम होने पर CAT III प्रणाली सटीक दृष्टिकोण और लैंडिंग में मदद करती है.