प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. दिल्ली पुलिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कोरोना को लेकर पीएम मोदी पर पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की FIR रद्द करने की मांग की गई है, साथ ही कहा गया है कि पुलिस को कहा जाए कि वो वैक्सीन पर सवाल उठाते हुए लगाए गए पोस्टरों या विज्ञापन पर FIR या कार्यवाही ना करे.
याचिका में मांग की गई है कि इन FIR का सारा रिकॉर्ड भी पुलिस से मंगाया जाए. याचिकाकर्ता वकील प्रदीप कुमार यादव ने कहा है कि 'सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी से इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में अगर कोई टीकाकरण नीति पर सवाल उठाता है तो इस पर इस तरह कार्यवाही नहीं हो सकती क्योंकि वो ये सवाल कर सकता है.' याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने एक ही दिन में 24 FIR दर्ज कर निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया है.
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बता दें कि रविवार को खबर आई थी कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में कई जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने वाले पोस्टरों को लेकर 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पोस्टरों में लिखा था, 'मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?' आरोपियों पर सार्वजनिक संपत्ति को विकृत करने समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है. ये गिरफ्तारियां दिल्ली पुलिस की चार अलग-अलग डिवीजन की ओर से की गई हैं. इसमें उत्तरी, पूर्व, मध्य और उत्तरपूर्व रेंज शामिल हैं.
इन गिरफ्तारियों का कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी रविवार को विरोध किया था. दोनों नेताओं ने इस पोस्टर की फोटो ट्विटर पर साझा भी की और अपनी प्रोफाइल पिक्चर भी बदल ली. राहुल गांधी ने तस्वीर साझा कर चुनौती दी कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए.
बता दें कि विपक्षी पार्टियां लगातार इस बात पर सरकार पर हमला कर रही हैं कि उसने भारत की वैक्सीन की जरूरतों का ध्यान न रखते हुए वैक्सीन की बड़ी खेप का निर्यात कर दिया और अब देश वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है. आम आदमी पार्टी भी इस मसले पर सरकार पर हमले बोल रही है.
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