संशोधित नागरिकता कानून को निरस्त करने की बढ़ती मांग के बीच औरतों और बच्चों समेत सैकड़ों लोगों ने रविवार को जामिया विश्वविद्यालय के गेट से शाहीन बाग तक सीएए विरोधी मार्च निकाला. इस मार्च में प्रतीकात्मकता देखने को मिली. कुछ स्थानीय लोग महात्मा गांधी तो कुछ बी आर आंबेडकर बनकर मार्च का हिस्सा थे तो वहीं तीन लोग कैदियों की पोशाक में जंजीरों में बंधे हुए शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव बने थे. प्रदर्शनकारियों ने 'आज़ादी' और 'सीएए-एनआरसी पर हल्ला बोल' और अन्य नारे लगा रहे थे.
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प्रदर्शनकारियों ने एक नकली 'निरोध शिविर' को भी प्रदर्शित जिसके भीतर विभिन्न धर्मों के छोटे बच्चे बैठे थे. पिछले एक महीने से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग में लोग सीएए के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. मार्च में कई लोगों के हाथ में मोमबत्तियां तो कई के हाथ में 'हम CAA, NRC और NPR को अस्वीकार करते हैं', 'हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में हैं भाई-भाई' लिखी तख्तियां थीं.
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