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This Article is From Oct 30, 2023

PDA हमारी रणनीति, सपा अभी भी INDIA गठबंधन का हिस्सा: कांग्रेस के साथ 'मतभेद' पर बोले अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा, "बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को हराने के लिए PDA (पिछड़ा वर्ग, दलित और अल्पसंख्यक) बनाया गया है. मैंने यह पहले भी कहा है कि PDA पार्टी की रणनीति है... लेकिन सपा INDIA गठबंधन में बनी रहेगी...''

अखिलेश यादव ने कांग्रेस के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है.

लखनऊ:

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 (Assembly elections 2023) के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ मतभेद के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विपक्षी गठबंधन INDIA से अलग होने की चर्चा थी. लेकिन सपा के अध्यक्ष और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को साफ किया कि समाजवादी पार्टी अभी भी INDIA गठबंधन का हिस्सा है. अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में सपा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर PDA(पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) साइकिल यात्रा शुरू की.

इस दौरान अखिलेश यादव ने NDTV से कहा, "बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को हराने के लिए इसे बनाया गया है. मैंने यह पहले भी कहा है कि PDA पार्टी की रणनीति है... लेकिन सपा INDIA गठबंधन में बनी रहेगी...''

अखिलेश ने कहा, "PDA यात्रा में सब शामिल हैं, कोई ऐसा नहीं जो अलग हो रहा हो इससे. जहां हम पिछड़े, दलित अल्पसंख्यक- मुसलमान भाई की बात कर रहे है. वहीं, PDA आधी आबादी और अगड़े समाज की भी बात कर रहा है. ये यात्रा भारतीय जनता पार्टी की पोल खोल रही है."

इससे पहले पिछले हफ्ते अखिलेश यादव ने कहा था, "PDA पहले बना और INDIA गठबंधन बाद में. मैंने कई मौकों पर कहा है कि INDIA गठबंधन है, लेकिन हमारी रणनीति PDA की है..."

विपक्षी गठबंधन INDIA की तीन बार हो चुकी है बैठकें
लोकसभा चुनाव 2024  और इस साल हो जा रहे पांच राज्यों को विधानभा चुनाव में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को हराने के लिए 28 विपक्षी दलों ने INDIA नाम से गठबंधन बनाया. अब तक इसकी तीन बैठकें हो चुकी है. विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को हुई थी. दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हुई. विपक्षी गठबंधन INDIA की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हुई थी.

मध्य प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर दिखा था मनमुटाव
 इस महीने मध्य प्रदेश चुनाव में उम्मीदवार उतारने को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तनाव बढ़ गया था. उन्होंने कहा "कांग्रेस के नेताओं ने हमें बुलाकर पूरे आंकड़े देखे और भरोसा दिया कि 6 सीटों पर सपा के लिए विचार करेंगे, लेकिन सीटें घोषित की गईं तो सपा शून्य रही."

अखिलेश ने कहा था, "अगर मुझे पहले पता होता कि विधानसभा स्तर पर INDIA का कोई गठबंधन नहीं है, तो हम उनसे कभी मिलने नहीं जाते. सपा के साथ जैसा व्यवहार होगा, वैसा व्यवहार उनको (कांग्रेस) देखने को भी मिलेगा."

इस बीच, कांग्रेस ने अखिलेश यादव की नाराज़गी को कम नहीं किया. मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने तंज कसते हुए कहा, "अरे भाई छोड़ो अखिलेश अखिलेश..."

भावी प्रधानमंत्रियों के रूप में लगा रहे बैनर
मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस-सपा के बीच मतभेद के एक और संकेत देखने को मिला. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी अपने-अपने प्रमुखों को भावी प्रधानमंत्रियों के रूप में प्रचारित करते हुए बैनर लगाए. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को '2024 का प्रधानमंत्री' बताने वाला एक बैनर उनकी पार्टी के लखनऊ कार्यालय के बाहर दिखाई दिया, जिसके कुछ दिनों बाद इसी तरह के एक पोस्टर में अखिलेश यादव को भारत का 'भावी प्रधानमंत्री' कहा गया था.

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