
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हुआ. 17 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र के शुरू होने से पहले कांग्रेस ने सदन के बाहर जमकर हंगामा किया. विधानसभा के सामने कांग्रेस नेताओं ने लहसुन लेकर प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेताओं ने लहसून को विधानसभा के गेट पर फेंक दिया और सरकार पर जमकर आरोप लगाया. कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने ट्वीट कर लिखा कि आदरणीय कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री जी. आपने 2020 किसानों की आय दोगुनी का वादा किया था. हाल ही में कृषि मंत्री ने दावा किया कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहां आय दोगुनी हो गई. मैं और मेरे साथी विधानसभा में लहसुन लेकर आपके पास आ रहे हैं. कृपया हमें लागत मूल्य ही दिलवाने की कृपा करें.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के किसान लहसुन के कम दाम मिलने से परेशान हैं. धार जिले के बदनावर में किसानों ने नागदा बस स्टैंड पर चक्का जाम कर दिया था और लहसुन की फसल सड़क पर बिखेर दी थी. पूरे राज्य में किसान लहसुन के कम दाम को लेकर परेशान हैं. मालूम हो कि मध्यप्रदेश के मालवा के मंदसौर, नीमच, शाजापुर, उज्जैन, नीमच जैसे जिलों में लहसुन का उत्पादन होता है.
बताते चलें कि साल 2011-12 में मध्यप्रदेश में 94945 हेक्टेयर पर लहसुन की फसल होती थी. 2020-21 में ये बढ़कर 1,93,066 हेक्टेयर हो गयी यानी दोगुना. उत्पादन 11.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 19.83 लाख मीट्रिक टन हो गया. लहसुन उगाने में साल में चार-पांच बार दवा, हाथ से निंदाई- गुड़ाई से लेकर ग्रेडिंग करवाने तक का काम होता है. लगभग 10,000 रुपये के आसपास एक एकड़ में लागत लग जाती है. लेकिन बाज़ार में अभी किसानों को मिल रहे हैं 3000 रुपये प्रति क्विंटल. कई जगहों पर उससे भी कम जिससे निंदाई-गुडाई तक का खर्च किसानों को नहीं मिल रहा है.
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