"अब कोरोना की कोई लहर नहीं आएगी, बढ़ते मामलों से डरने की ज़रूरत नहीं..." : NDTV से बोले स्वास्थ्य विशेषज्ञ

Coronavirus Updates: एक्टिव केस के आकलन के मैथड को रिडिजाइन करने की जरूरत है का अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग पैरामीटर में बदलाव की जरूरत है. मसलन टीबी के रोजाना 7000 मामले हो रहे हैं, मौत 600 हो रही है. उसकी बात नहीं हो रही.

Covid Case: कोरोना संक्रमण के प्रसार की रफ्तार लोगों को डरा रही है.

नई दिल्ली:

देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर एक बार तेजी से बढ़ रहे हैं. संक्रमण के प्रसार की रफ्तार देखकर सरकार की चिंता बढ़ गई है. इसी क्रम में स्वास्थ्य और नीति विशेषज्ञ सह सलाहकार चिकित्सक चंद्रकांत लहरिया ने एनडीटीवी से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अब कोरोना की कोई लहर नहीं आएगी. ये सीजनल राइज है. उतार चढ़ाव समय-समय पर आएंगे. पर हमें सिर्फ आंकड़ों से नहीं, मौत के मामलों को भी देखना चाहिए. साथ ही, मॉडरेट और severity नहीं हो रही.

क्या XBB.1.16 की वजह से मामले बढ़ रहे हैं और ये वेरिएंट कितना खरनाक है के सवाल पर उन्होंने कहा कि 700 से ज्यादा अब तक वेरिएंट रिपोर्ट हुए हैं. जबकि Variant of concern 5 ही हुए हैं. XBB recombinant वेरिएंट है. ये भी 100 से अधिक हुए हैं. तो ये संक्रमण बढ़ाएगा, पर गंभीर बीमारी या immune escape जैसी चीज़ सामने नहीं आई है.

कोरोना के आंकड़े - अब तक

उन्होंने कहा कि चिंता की बात नहीं है. हमारे यहां हाइब्रिड इम्यूनिटी है. अभी सिंपटोमेटिक मरीज का ही टेस्ट हो रहा है तो टेस्ट पॉजिटिविटी रेट बढ़ता दिख रहा है. पहले यूनिवर्सल टेस्टिंग हो रही थी. तो अब इन्फेक्शन पर बात नहीं होनी चाहिए. ये मायने नहीं रखता. जनवरी से अब तक 80 गुना रोजाना रिपोर्ट हो रहे मामले  बढ़े हैं पर Severity नहीं हो रही जिसके मायने हैं.  सरकार को Hospitalization और death पर नजर रखनी चाहिए.

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एक्टिव केस के आकलन के मैथड को रिडिजाइन करने की जरूरत है का अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग पैरामीटर में बदलाव की जरूरत है. मसलन टीबी के रोजाना 7000 मामले हो रहे हैं, मौत 600 हो रही है. उसकी बात नहीं हो रही. Covid और फ्लू अब माइनर है. उम्रदराज और comorbid मरीज को सतर्कता बरतनी चाहिए. सरकार पत्रकार से संवाद करे, ताकि सही चीज़ें रिपोर्ट हो.

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क्या बढ़ते मामलों के बीच हम इसको Endemic कह सकते हैं? के जवाब में उन्होंने कहा कि सालभर से Covid endemic हो चुका है. इसका मतलब होता है इंपैक्ट का कम होना. वायरस है और रहेगा तो मामले ज़ीरो नहीं आएंगे. हमारे यहां टीका की भी अहम भूमिका रही है. 

क्या जीनोम sequencing को बढ़ाने की ज़रूरत है? के जवाब में उन्होंने कहा कि कैपेसिटी हमारे पास अच्छी है. उछाल के दौरान बढ़ने चाहिए. पर हमें इसका क्लिनिकल outcome देखना चाहिए. सरकार को मामलों में उछाल, उसका क्लिनिकल outcome और इम्यून एस्केप तीनों डेटा को मिलाकर आकलन करना चाहिए. सरकार अलर्ट है इस पर लोगों आश्वस्त रहे. ये अच्छी बात है. घबराने जैसी बात नहीं है.

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