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This Article is From Aug 04, 2022

बीते 5 साल में चुनावों में करीब 1.29 करोड़ लोगों ने विकल्प के तौर पर चुना NOTA: ADR

निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार, NOTA को महाराष्ट्र के लातूर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में 27,500 मत मिले हैं और अरुणाचल प्रदेश के ताली निर्वाचन क्षेत्र में नौ मत मिले हैं.

बीते 5 साल में चुनावों में करीब 1.29 करोड़ लोगों ने विकल्प के तौर पर चुना NOTA: ADR
राज्य विधानसभा चुनाव में नोटा को औसतन 64,53,652 वोट (64.53 लाख) मिले हैं. (प्रतीकात्मक)
नई दिल्ली:

बीते पांच सालों में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करीब  1.29 लोगों ने नोटा को किसी पार्टी की तुलना में बेहतर विकल्प समझा. चुनाव अधिकार निकाय एडीआर ने गुरुवार को ये बात कही. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने साल 2018 से 2022 के दौरान हुए विभिन्न चुनावों में NOTA (उपरोक्त में से कोई नहीं) द्वारा प्राप्त वोटों की संख्या का विश्लेषण किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य विधानसभा चुनाव में नोटा को औसतन 64,53,652 वोट (64.53 लाख) मिले हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर नोटा को 65,23,975 (1.06 फीसदी) वोट मिले. लोकसभा चुनाव में नोटा वोटों में, सबसे अधिक वोट यानी 51,660 बिहार के गोपालगंज (एससी) निर्वाचन क्षेत्र में थे, जबकि सबसे कम नोटा वोट यानी 100 लक्षद्वीप में थे.

राज्य विधानसभा चुनावों में साल 2020 में सबसे अधिक लोगों ने नोटा को चुना. 2020 में बिहार में 7,06,252 वोट नोटा पड़े. जबकि एनसीटी दिल्ली 43,108 वोट वोट नोटा पड़े. नोटा ने 2022 में सबसे कम वोट प्रतिशत हासिल किया है. यानी, गोवा समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों सबसे कम लोगों ने नोटा को चुना. गोवा में 10,629 वोट, मणिपुर में 10,349 वोट, पंजाब में 1,10,308 वोट, उत्तर प्रदेश में 6,37,304 वोट और उत्तराखंड 46,840 वोट नोटा पर पड़े हैं. 

नोटा ने राज्य विधानसभा चुनाव, 2019 में महाराष्ट्र में सबसे अधिक (7,42,134) वोट हासिल किए, और मिजोरम विधानसभा चुनाव, 2018 में सबसे कम नोटा वोट (2,917) पड़े. नोटा ने छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा, 2018 में सबसे ज्यादा वोट शेयर यानी 1.98 फीसदी हासिल किया. जबकि, दिल्ली राज्य विधानसभा चुनाव, 2020 और मिजोरम राज्य विधानसभा चुनाव, 2018 दोनों में वोट शेयर का सबसे कम प्रतिशत यानी 0.46 प्रतिशत हासिल किया.

निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार, NOTA को महाराष्ट्र के लातूर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में 27,500 मत मिले हैं और अरुणाचल प्रदेश के ताली निर्वाचन क्षेत्र में नौ मत मिले हैं. अरुणाचल प्रदेश के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों जैसे दिरांग, अलॉन्ग ईस्ट, याचुली और नागालैंड के एक निर्वाचन क्षेत्र उत्तरी अंगामी में उम्मीदवार के पास कोई प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार नहीं था, इसलिए नोटा को कोई वोट नहीं मिला.

एडीआर ने कहा कि रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ने वाले आपराधिक मामलों वाले तीन या अधिक उम्मीदवार हैं, नोटा ने 2018 से राज्य विधानसभा चुनावों में 26,77,616 वोट (26.77 लाख) हासिल किए हैं. नोटा ने बिहार के 217 रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्रों में सबसे अधिक वोट प्रतिशत यानी 1.63 प्रतिशत (6,11,122) हासिल किया है.

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