
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र और कर्नाटक चुनावों में वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं.
- चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को भ्रामक बताया और उनसे शपथ पत्र मांगने की कार्रवाई की है.
- महाराष्ट्र व कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को मतदाता सूची से संबंधित शपथ पत्र देने को कहा है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉफ्रेंस में वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए. राहुल गांधी के आरोपों पर अब चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया सामने आई है. चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के बयान और आरोपों को भ्रामक बताया है. राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावों को लेकर आरोप लगाए थे. जिस पर महाराष्ट्र के चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर शपथ/घोषणा पत्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. इससे पहले कर्नाटक के चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने भी राहुल गांधी से शपथ पत्र देने की मांग की थी. ऐसे में अब कर्नाटक के साथ-साथ महाराष्ट्र के भी चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी से शपथ पत्र की मांग की है.
उत्तर प्रदेश CEO ने बताया है कि, राहुल गांधी ने जिस आदित्य श्रीवास्तव और विशाल सिंह का नाम अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिया था और बताया था कि, यह लोग उत्तर प्रदेश में भी मतदाता है और बैंगलोर में भी. इस मामले पर आयोग ने कहा कि, दोनों मतदाता के एपिक नंबर से जांच की हुई है. दोनों का नाम बैंगलोर के महादेवपुरा विधानसभा में ही सिर्फ रजिस्टर्ड है और उत्तर प्रदेश में उनका नाम नहीं है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र का डेटा सामने रखते हुए आरोप लगाया कि मतदाता सूची में हेरफेर करके वोट चोरी का यह मॉडल कई निर्वाचन क्षेत्रों में लागू किया गया है ताकि भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिल सके.
राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची के आंकड़ों की प्रस्तुति दी और धांधली का दावा किया. राहुल गांधी ने बताया कि ‘‘चुनाव धांधली'' के सबूत एकत्र करने में कुल छह महीने का समय लगा है. उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों को ‘मशीन के पढ़ने योग्य' (मशीन रीडेबल) डेटा इसलिए उपलब्ध नहीं करा रहा है ताकि ये सब पकड़ा न जा सके.
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