नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ले ली है. वहीं तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. इस मौके पर राबड़ी देवी और जीतन राम मांझी समेत बिहार के कई बड़े नेता मौजूद थे. बीजेपी से अलग होकर नेता नीतीश कुमार ने सात दलों के 'महागठबंधन' के साथ जाने का फैसला किया गया है, जिसमें तेजस्वी यादव की आरजेडी ओर अन्य विपक्षी पार्टियां हैं.
इससे पहले नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर आठवीं बार राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया था. दरअसल, नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल से दो बार मुलाकात की थी. पहली बार राजग गठबंधन का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा था, जबकि दूसरी बार तेजस्वी सहित विपक्षी महागठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी थी. बिहार विधानसभा में इस समय 242 सदस्य हैं और बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा 122 है. जो कि उन्होंने हासिल कर लिया है.
जदयू के पास अपने 45 विधायक हैं और एक निर्दलीय विधायक का उसे समर्थन प्राप्त है. जबकि राजद के पास 79 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 19 जबकि भाकपा-माले के 12 विधायक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो-दो विधायकों ने भी उन्हें समर्थन के पत्र दिए हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्च के चार विधायक भी कुमार के साथ
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने विधायकों के साथ बैठक में आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह लगातार जेडीयू को विभाजित करने के लिए काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के पूर्व नेता आरसीपी सिंह पर अमित शाह के मोहरे के रूप में काम करने का आरोप लगाया था.
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