NEET-PG परीक्षा का मामला सु्प्रीम कोर्ट पहुंच गया है. MBBS डॉक्टरों के एक समूह ने इस संबंध में याचिका दाखिल की है जिसमें COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच 18 अप्रैल को होने वाली NEET-PG परीक्षा को टालने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि COVID -19 रोगियों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को शारीरिक तौर पर परीक्षा में भाग लेने के लिएमजबूर करना हजारों लोगों के जीवन को संकट में डालने के बराबर होगा. याचिका में हाल ही में CBSE की कक्षा 10 की परीक्षा रद्द करने और कक्षा 12 की परीक्षाओं को स्थगित करने के फैसले का हवाला दिया गया है.
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गौरतलब है कि देशभर के मेडिकल कॉलेजों में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पोस्टग्रेजुएट (NEET PG) के लिए प्रवेश परीक्षा 18 अप्रैल को होनी है. लेकिन कोविड-19 के बेक़ाबू हालातों को देखते हुए देशभर से एक लाख 70 हज़ार डॉक्टर और मेडिकल छात्र इस परीक्षा को टालने की मांग कर रहे हैं. नीट पीजी की परीक्षा देने वालों में से अधिकतर डॉक्टर इस वक़्त अस्पतालों में कोरोना के मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं. वहीं, दूसरी को परीक्षा आयोजित करने के लिए स्थिति भी अनुकूल नहीं है.
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जानकारी के अनुसार, इस परीक्षा में शामिल होने के लिए 1,70,000 MBBS छात्र और डॉक्टरों ने आवेदन किया है. लेकिन उम्मीदवार कोरोना को लेकर डरे हुए हैं और अधिकतर डॉक्टर कोरोना के मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं. वैसे परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड भी जारी कर दिए गए हैं. वहीं परीक्षा के दिन के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं. इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि उम्मीदवार परीक्षा हॉल में पेन, पेपर, राइटिंग पैड, पेन ड्राइव, इरेज़र जैसी स्टेशनरी की चीजें नहीं ले जा सकते हैं, कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, टैबलेट, कैलकुलेटर, वॉच, ब्लूटूथ, आदि परीक्षा हॉल में नहीं ले जा सकते हैं. अंगूठी, झुमके, चेन और चूड़ी जैसे गहनों को पहनने की इजाज़त नहीं होगी, इसके साथ ही पर्स, बेल्ट और गॉगल्स जैसे अन्य आइटम को परीक्षा केंद्र में ले जाने की इजाज़त नहीं होगी.
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