केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने आज "एक राष्ट्र, एक चुनाव" का समर्थन करने का आह्वान किया है. "एक राष्ट्र, एक चुनाव" में दोनों लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ में कराए जा सकते हैं. एनडीटीवी के युवा (NDTV Yuva - Youth For Change) कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "एक साथ चुनाव कराए जाने के फायदों में बड़ी लागत की बचत शामिल है, जिसका इस्तेमाल महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जा सकता है".
अनुराग ठाकुर ने कहा, "1962 से पहले, देश में चुनाव एक साथ ही कराए जाते थे. यह 1962 के बाद ही बदला है... अब चुनावों में काफी एनर्जी जाती है और लागत भी ज्यादा आती है. यदि कुछ राज्यों में चुनाव पहले कराए जाते हैं या फिर बाद के लिए स्थगित किए जाते हैं तो कम से कम 10-15 चुनावों को साथ में कराया जा सकता है. इससे सुरक्षा और चुनाव पर होने वाले खर्चों को बचाया जा सकता है."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "अगर हम अभी से ही बचत करना शुरू करते हैं तो हमें 2047 तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और हम इससे काफी पहले ही विकसित भारत के सपने को पूरा कर सकते हैं."
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के नेतृत्व वाली एक समिति पहले ही सरकार के एक साथ चुनाव कराने पर एक रिपोर्ट सौंप चुकी है. पैनल ने इसके लिए 39 राजनीतिक दलों, अर्थशास्त्रियों और भारत के चुनाव आयोग से परामर्श लेने के साथ-साथ "अन्य देशों की सर्वोत्तम प्रथाओं" का अध्ययन भी किया है.
पैनल ने कहा है कि वह इस विचार का समर्थन करता है, लेकिन उन्होंने कानूनी रूप से टिकाऊ तंत्र का आह्वान किया है, जो मौजूदा चुनावी चक्रों को तोड़ और फिर से संरेखित करने का काम कर सके.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है, ''समिति की सर्वसम्मत राय है कि एक साथ चुनाव होने चाहिए.'' इसमें कहा गया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव 100 दिन बाद स्थानीय निकाय चुनावों (भी एक साथ) के साथ कराए जा सकते हैं.
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