
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी एनडीएमए ने कहा है कि केरल सरकार को अब बाढ़ का पानी निकलने के बाद बाढ़ पीड़ितों को रोज़गार के अवसर जल्दी उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देना चाहिए. एनडीटीवी से खास बातचीत में एनडीएमए के सदस्य कमल किशोर ने यह बात कही.
कमल किशोर ने कहा, "केरल से एनडीआएफ की तीन-चौथाई टीमें लौट चुकी हैं. केरल में अब बाढ़ पीड़ितों को राहत के साथ-साथ अरली रिकवरी और जहां भी संभव हो उनकी आजीविका फिर से बहाल करने पर फोकस करना होगा. घरों-इकाइयों में जमा मलबा जल्दी साफ करना होगा और केरल सरकार को मनरेगा के तहत रोज़गार के ज़्यादा अवसर पैदा करने की पहल शुरू करनी होगी. जितनी जल्दी लोगों को रोज़गार मिलेगा ज़िंदगी उतनी ही जल्दी पटरी पर दोबारा लाने में मदद मिलेगी."
यह भी पढ़ें : UAE के राजदूत ने कहा, केरल के लिए मदद की कोई रकम तय नहीं
इससे पहले ग्रामीण विकास मंत्रालय केरल में बाढ़ त्रासदी को देखते हुए मनरेगा के तहत राज्य के लिए लेबर बजट बढ़ाने का फैसला कर चुका है.
यह भी पढ़ें : केरल में सुधर रहे हालात, दस लाख से अधिक बाढ़ प्रभावित लोग राहत शिविरों में
कमल किशोर ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में छोटे बुनियादी ढांचों को फिर से रिपेयर और उपयोगी बनाने की
पहल भी करनी होगा. बेहतर होगा कि मनरेगा के तहत इन ग्रामीण इलाकों में टूटी सड़कों और छोटे पुलों जैसे बुनियादी ढांचों का पुनर्निमाण मनरेगा के तहत मिलने वाले रोज़गार के ज़रिए किया जाए तो बेहतर होगा.
VIDEO : केरल के पीड़ितों की मदद करने में जुटे दिल्ली के छात्र
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बाढ़-प्रभावित इलाकों में स्कूलों को जल्दी खोलने की भी सलाह दी है. इससे
रुकी पड़ी शिक्षा व्यवस्था को फिर से बहाल किया जा सकेगा और बच्चों और उनके परिवारों की जिंदगी जल्दी पटरी पर लाने में मदद भी मिलेगी.
कमल किशोर ने कहा, "केरल से एनडीआएफ की तीन-चौथाई टीमें लौट चुकी हैं. केरल में अब बाढ़ पीड़ितों को राहत के साथ-साथ अरली रिकवरी और जहां भी संभव हो उनकी आजीविका फिर से बहाल करने पर फोकस करना होगा. घरों-इकाइयों में जमा मलबा जल्दी साफ करना होगा और केरल सरकार को मनरेगा के तहत रोज़गार के ज़्यादा अवसर पैदा करने की पहल शुरू करनी होगी. जितनी जल्दी लोगों को रोज़गार मिलेगा ज़िंदगी उतनी ही जल्दी पटरी पर दोबारा लाने में मदद मिलेगी."
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इससे पहले ग्रामीण विकास मंत्रालय केरल में बाढ़ त्रासदी को देखते हुए मनरेगा के तहत राज्य के लिए लेबर बजट बढ़ाने का फैसला कर चुका है.
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कमल किशोर ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में छोटे बुनियादी ढांचों को फिर से रिपेयर और उपयोगी बनाने की
पहल भी करनी होगा. बेहतर होगा कि मनरेगा के तहत इन ग्रामीण इलाकों में टूटी सड़कों और छोटे पुलों जैसे बुनियादी ढांचों का पुनर्निमाण मनरेगा के तहत मिलने वाले रोज़गार के ज़रिए किया जाए तो बेहतर होगा.
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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बाढ़-प्रभावित इलाकों में स्कूलों को जल्दी खोलने की भी सलाह दी है. इससे
रुकी पड़ी शिक्षा व्यवस्था को फिर से बहाल किया जा सकेगा और बच्चों और उनके परिवारों की जिंदगी जल्दी पटरी पर लाने में मदद भी मिलेगी.
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