नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjeet Singh Channi) के साथ बातचीत के लिए बैठक कर रहे हैं. दो दिन पहले राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस के प्रयासों के बीच उन्हें मनाने की कोशिशें जारी हैं. इससे पहले, उनके सहयोगी ने कहा था कि वह "पंजाब कांग्रेस प्रमुख बने रहेंगे और अगले साल के चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व करेंगे", यह दर्शाता है कि क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू अपने इस्तीफे से पीछे हट सकते हैं.
मुलाकात से पहले सिद्धू ने ट्वीट किया, "मुख्यमंत्री ने मुझे बातचीत के लिए आमंत्रित किया है ... आज दोपहर 3:00 बजे पंजाब भवन, चंडीगढ़ में मुलाकात होगी, किसी भी चर्चा के लिए उनका स्वागत है!"
Chief Minister has invited me for talks … will reciprocate by reaching Punjab Bhawan, Chandigarh at 3:00 PM today, he is welcome for any discussions !
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 30, 2021
नवजोत सिद्धू के सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा ने आज सुबह एनडीटीवी को बताया कि "इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा".
मुस्तफा ने कहा, "कांग्रेस नेतृत्व नवजोत सिद्धू को समझता है और सिद्धू कांग्रेस नेतृत्व से परे नहीं हैं. वह अमरिंदर सिंह नहीं हैं, जिन्होंने कभी कांग्रेस और उसके नेतृत्व की परवाह नहीं की."
उनके अनुसार, सिद्धू "कई बार भावनात्मक रूप से कार्य करते हैं" और कांग्रेस नेतृत्व समझता है.
जुलाई में पंजाब कांग्रेस प्रमुख बनाए गए सिद्धू ने मंगलवार को यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वह "पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकते."
वह नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा की गई प्रमुख नियुक्तियों से नाराज थे, जिन्होंने दो सप्ताह से भी कम समय पहले सिद्धू के प्रतिद्वंद्वी अमरिंदर सिंह की जगह ली थी.
सिद्धू का इस्तीफा गांधी परिवार के लिए एक आश्चर्य था; राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव के करीब एक बड़ा राजनीतिक जोखिम उठाते हुए अमरिंदर सिंह के खिलाफ उनका समर्थन किया था.
सिद्धू ने कथित तौर पर इस्तीफा देने के बाद से पार्टी नेतृत्व से बात नहीं की है, और उन्हें शांत करने के लिए भेजे गए पंजाब के नेताओं को फटकार लगाई है.
कल उन्होंने अपने इस कदम का बचाव करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में सिद्धू ने पंजाबी में कहा, "मेरी लड़ाई मुद्दों पर आधारित है और मैं लंबे समय से इसके साथ खड़ा हूं. मैं अपनी नैतिकता, अपने नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता. मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है. मैं आलाकमान को गुमराह नहीं कर सकता और न ही कर सकता हूं."
मुख्यमंत्री चन्नी ने कल सिद्धू से फोन पर बात की और संकेत दिया कि वह कुछ नियुक्तियों पर पुनर्विचार कर सकते हैं.
चन्नी ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने सिद्धू से कहा कि पार्टी परामर्श में विश्वास करती है, कृपया आइए और हम इसे ठीक कर सकते हैं. अगर किसी को किसी नियुक्ति पर कोई आपत्ति है, तो मैं उस पर कठोर नहीं हूं. कोई अहंकार नहीं है."
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