राजधानी रायपुर में राज्योत्सव पर आयोजित तीन दिवसीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगा रंग संपन्न हो गया है. तीन दिनों तक चले आदिवासी महोत्सव कार्यक्रम में देश-विदेश से आए कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तूति से समा बांध था. नेशनल डांस फेस्टिवल के तीसरे एडिशन में 10 देशों के साथ देशभर से 1500 से ज्यादा कलाकारों ने हिस्सा लिया था. एक तरफ देश के अलग-अलग राज्य से आए कलाकारों ने कार्यक्रम की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि आदिवासी संस्कृति को बढ़ाने छत्तीसगढ़ सरकार को आयोजन शानदार है. वहीं विदेश से आए कलाकारों ने कहा छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी नृत्य महोत्सव के मंच से कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में ऐसे वर्ग को आगे बढ़ा रहे हैं जिनका सदियों से शोषण हुआ है. उनकी सरकार आदिवासी, दलित और पिछड़े लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही सबके विकास के लिए कार्य कर रही है.
झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन ने आगे कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में इतनी समानता है कि दोनों राज्यों के कई ऐसे क्षेत्र है. जहां पता लगाना मुश्किल है कि यह क्षेत्र दोनों राज्यों में से किस राज्य का है. वास्तव में झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों भाई है. दोनों राज्य के लोगों के राज्यों के लोगों का एक-दूसरे के राज्य में आना-जाना लगा रहता है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिम संस्कृति सभी को जोड़ने का कार्य करती है. इसे सहेज कर और इसकी खूबसूरती को बड़े फलक पर दिखाने के उद्देश्य से हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया है. मुझे इस बात की खुशी है कि इस आयोजन में बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की. सुंदर आयोजन को देखने बड़ी संख्या में लोग जुट रहे है. उन्होंने कहा कि हमने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस आयोजन के लिए आमंत्रित किया. साथ ही 22 देश के आदिवासी कलाकार इस आयोजन में शिरकत करने के इच्छुक थे. लेकिन समयसीमा को देखते हुए हमने केवल 10 देशों को स्वीकृति दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिल्प कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टॉल भी लगाए. इनमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी, उससे पता लगता है कि हमारी आदिवासी कला को जानने के लिए लोग कितने उत्सुक हैं और यह कितनी समृद्ध लोककला है.
छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को- राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पुरस्कार भी इस अवसर पर दिए गए. फसल कटाई की श्रेणी में प्रथम स्थान पर छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को, दूसरे स्थान पर ओडिशा के ढेंगसा नृत्य को और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को पुरस्कृत किया गया. इस श्रेणी में सांत्वना पुरस्कार असम को दिया गया .
भूपेश बघेल ने ऐलान किया कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का समापन समारोह हो रहा है, मगर लोगों की मांग पर राज्योत्सव में लगाई विभागीय प्रदर्शनी, मेला और फूड जोन आगामी 6 नवम्बर तक चलेगा.
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