
- सीपी राधाकृष्णन को भाजपानीत एनडीए ने देश के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया है.
- सीपी राधाकृष्णन की मां ने उनका नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से प्रभावित होकर रखा था.
- सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के कोयंबटूर से हैं. उन्होंने दो बार लोकसभा चुनाव जीते हैं और कई पदों पर रहे हैं.
CP Radhakrishnan Name Story: देश के उपराष्ट्रपति (Vice President) पद के एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन (Who is CP Radhakrishnan) का नाम सुनकर आपको कोई नेता याद आते हैं? अगर हां तो जवाब में आप शायद 'डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन' का नाम लेंगे. वही डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr Sarvepalli Radhakrishnan), जो पहले देश के उपराष्ट्रपति रहे और फिर 'राष्ट्रपति' रहे, जो कि सर्वोच्च संवैधानिक पद है. वही राधाकृष्णन, जिनके जन्मदिन 5 सितंबर को 'शिक्षक दिवस' के तौर पर घोषित किया गया.
संयोग ये भी है कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, तमिलनाडु से ही थे. एक शिक्षक, महान दार्शनिक, विद्वान विचारक, भारतीय संस्कृति के संवाहक और देश के दूसरे राष्ट्रपति. अब ऐसे व्यक्तित्व से भला कौन न प्रभावित हो!
तमिलनाडु के दंपती जानकी अम्माल और सीके पोन्नुसामी भी राधाकृष्णन से प्रभावित थे. अक्सर ये देखा गया है कि माता-पिता अपने बच्चे का नाम किसी महान व्यक्ति के नाम पर रखते हैं और इस दंपती ने भी वही किया. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से प्रभावित होकर उन्हीं के नाम पर अपने बेटे के नाम में राधाकृष्णन जोड़ा और इस तरह रखा गया ये नाम- सीपी राधाकृष्णन.

मां जानकी ने बताई पूरी कहानी
तमिलनाडु के तिरुपुर में सीपीआर के घर पर रविवार को जश्न का माहौल था. उनकी मां जानकी अम्माल ने घर पर केक काटकर जश्न मनाया. ये बेहद व्यक्तिगत क्षण था, जो अब राजनीतिक हो चुका है. उनके बेटे को आज बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने देश के अगले उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया है. जानकी अम्माल ने बड़े प्यार से उनके नाम के पीछे की कहानी सुनाई.
'...ताकि बेटा राष्ट्रपति राधाकृष्णन जैसा बने'
जानकी अम्माल ने परिवार और पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने कहा, 'हमने उनका नाम सीपी राधाकृष्णन इसलिए रखा था ताकि वो राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे बनें. भगवान सुंदरमूर्ति ने उन्हें ये सम्मान दिया है.'
जैसा कि लोकसभा चुनावों के दौरान वो करती आ रही थीं, उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में भी बेटे की जीत के लिए प्रार्थना की. उन्होंने कहा,'भगवान गणेश उन पर कृपा करें. मैं इस सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देती हूं.'
सीपीआर, जिन्हें तमिलनाडु में भाजपा का एक विनम्र और सुलभ चेहरा माना जाता है और जिन्हें उनके समर्थक 'तमिलनाडु का मोदी' कहकर पुकारते हैं, वो अब राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गए हैं.
अगर सीपीआर उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वो तमिलनाडु से तीसरे उपराष्ट्रपति होंगे. उनसे पहले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन और आर वेंकटरमन भी इस पद पर रह चुके हैं. दोनों ही नेता बाद में राष्ट्रपति बने थे. राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी तमिलनाडु से थे.

चुनाव की दृष्टि से अहम है एनडीए का कदम
सीपी राधाकृष्णन ने 1998 और 1999 में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा चुनाव जीता. बाद में उन्होंने तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के रूप में काम किया और झारखंड के राज्यपाल रहे. इसके अलावा, उन्होंने तेलंगाना और पुडुचेरी में अतिरिक्त प्रभार संभाला, और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं.
सीपीआर के नामांकन का तमिलनाडु की राजनीति में गहरा महत्व है. राज्य में सत्तारूढ़ डीएमके ने इस घोषणा का स्वागत किया है, लेकिन उन्हें समर्थन देने से इनकार कर दिया है. हालांकि, भाजपा के पास उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्या है.
68 वर्षीय सीपीआर की ये पदोन्नति (राज्यपाल पद से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी) ऐसे समय में हो रही है, जब राज्य में राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है. 2026 में तमिलनाडु में चुनाव होने वाले हैं. चुनावी दृष्टि से भी सीपीआर की जड़ें मायने रखती हैं. वो कोयंबटूर से हैं, जो एआईएडीएमके का गढ़ रहा है और यह कुछ पश्चिमी क्षेत्रों में से एक है जहां भाजपा की थोड़ी उपस्थिति है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि यह नामांकन वहां भाजपा की बढ़त को मजबूत कर सकता है, साथ ही पूरे राज्य में उसकी छवि को भी बेहतर बना सकता है.
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