Himachal Pradesh विधानसभा चुनाव : रैलियों में क्यों रो रहे हैं भाजपा नेता? कांग्रेस को दिखा 'मौका'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हमारे यहां भी मनमुटाव हुआ, पर हमने मना लिया पर बीजेपी ज्यादा जख्मी हुई है.

हिमाचल चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस के साथ साथ अपनों से भी खतरा है. टिकट कटने के बाद बीजेपी के 19 बड़े नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने 11 मौजूदा विधायकों का टिकट काटा है. बीजेपी के दो मौजूदा विधायक और 5 पूर्व विधायक निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि, जिनको बीजेपी ने मना लिया है, वो भी रैलियों में रोते नजर आ रहे हैं. 

अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का टिकट कटने के बाद हमीरपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कार्यकर्ताओं को समझाते-समझाते खुद भावुक हो गए. बोले, '2017 के बाद क्या धूमल जी अपने घर बैठे थे? मुख्यमंत्री रहने के बाद पूरे प्रदेश में कोई नेता था, जो प्रदेश भर में हर पोलिंग बूथ पर गया हो. अपनी सेहत नहीं देखी संगठन के लिए. अपने आपको समर्पित कर दिया. क्या आप धूमल जी को कमजोर कर देंगे?'

अनुराग ठाकुर तो बस रोए  बागी नहीं हुए लेकिन टिकट कटने के बाद बीजेपी के कई विधायक और पूर्व विधायक जेपी नड्डा और अमित शाह के मनाने के बावजूद भी नहीं माने और निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मैदान में कूद पड़े हैं. दो बार लगातार बीजेपी के टिकट पर कुल्लू की आनी सीट से विधायक रहे किशोरी लाल अपने कार्यकर्ताओं  के कंधों पर बैठ कर पहाड़ी गाने पर थिरक रहे हैं. किशोरीलाल ने टिकट कटने के बाद बीजेपी से बगावत कर दी है. बागी बीजेपी विधायक ने एनडीटीवी से कहा, 'मैं तो  घर था पर मेरे कार्यकर्ता रोने लगे. उनकी भावना थी कि मैं चुनाव लड़ूं. मुझे नड्डा जी और मुख्यमंत्री जी का फोन आया पर मैं नहीं बैठा. अगर प्रधानमंत्री मोदी भी फोन करते, तब भी नहीं मानता'.

टिकट कटने के बाद कई नेता, जिन्होंने पूरी जिंदगी बीजेपी के लिए काम किया, अब वो बीजेपी के खिलाफ मैदान में हैं. उनमें से ये रहे कुछ बड़े नाम-

होशियार सिंह - देहरा से मौजूदा बीजेपी विधायक. अब निर्दलीय मैदान में.

तेजवंत नेगी - पूर्व बीजेपी विधायक. अब किन्नौर से निर्दलीय उम्मीदवार.

के एल ठाकुर- पूर्व बीजेपी विधायक, अब नालागढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे.

वैसे बगावत करने वाले बीजेपी में 30 से ज्यादा नेता थे लेकिन कुछ को बीजेपी ने मना भी लिया है, जो मान गए हैं, वो रैलियों में सरेआम रोते हुए नजर आ रहे हैं. कुल्लू के राजा और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कई बार विधायक रहे माहेश्वर सिंह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बगल में बैठ कर रो रहे हैं. बीजेपी ने टिकट काटा तो ये बगावती हो गए थे लेकिन जेपी नड्डा ने इन्हें मना लिया लेकिन नड्डा साहब भी सार्वजनिक तौर पर इनको रोने से नहीं रोक पाए. बीजेपी के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बगावती नेताओं को समस्या तो मानते हैं पर उन्हें लगता है कि मोदी का चेहरा सब छुपा लेगा.

कांग्रेस भी बीजेपी के इन बगावती नेताओं के जरिए हिमाचल में सत्ता वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हमारे यहां भी मनमुटाव हुआ, पर हमने मना लिया पर बीजेपी ज्यादा जख्मी हुई है. उनके बड़े नेता कांगड़ा, मंडी, कुल्लू मनाली के अंदर लड़ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के उम्मीदवारों को कामयाबी मिलेगी.

बीजेपी आखिरी के एक हफ़्ते में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी तक से ताबड़तोड़ रैलियां करवाने जा रही है. बीजेपी को लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा उनकी सारी कमियों को ढक लेगा.

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