विज्ञापन
This Article is From Jan 10, 2024

‘INDIA’ के घटक दलों को संभावनाओं वाले राज्यों में सीट बंटवारे पर बातचीत तेज करनी चाहिए : उमर अब्दुल्ला

अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों पर पार्टी के भीतर अभी बातचीत शुरू नहीं की है.

‘INDIA’ के घटक दलों को संभावनाओं वाले राज्यों में सीट बंटवारे पर बातचीत तेज करनी चाहिए :  उमर अब्दुल्ला
श्रीनगर:

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव एलायंस' (इंडिया) के घटक दलों को लोकसभा चुनावों में बेहतर संभावना वाले राज्यों- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु और पंजाब में सीट-बंटवारे से संबंधित बातचीत तेज करनी चाहिए. अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों को बताया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सीट के लिए ऐसी बातचीत अभी शुरू नहीं हुई है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम ‘इंडिया' गठबंधन का हिस्सा हैं. हमारे पास लद्दाख समेत कुल छह सीटें हैं और मुझे नहीं लगता कि उस पर फैसला लेने में हमें 15 मिनट से ज्यादा समय लगेगा. मैं चाहता हूं कि जहां भी हमें सीट जीतने की उम्मीद है, जैसे- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, दिल्ली, तमिलनाडु और केरल, हमें सीट-बंटवारे पर विचार प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए.'' अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों पर पार्टी के भीतर अभी बातचीत शुरू नहीं की है.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस पर चर्चा करने का अवसर नहीं मिला है... एक बार चर्चा की प्रक्रिया शुरू होने के बाद, हम देखेंगे कि सबसे अच्छे उम्मीदवार कौन हैं, जिन्हें मैदान में उतारा जा सकता है.'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए, सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह होगी कि फारूक (अब्दुल्ला) चुनाव लड़ें. हमारे सामने ऐसी स्थिति नहीं होगी कि फारूक और मैं दोनों एक साथ संसद में जाएंगे. अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कि फारूक पीछे हट जाते हैं, तब हम इस बात पर विचार करेंगे, लेकिन हमने पार्टी के भीतर अभी तक इस मसले पर बातचीत नहीं की है.''

उमर अब्दुल्ला ने इस केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव नहीं होने पर निराशा जताई. उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. हम दुनिया को बताते हैं कि भारत लोकतंत्र की ‘जननी' है, लेकिन मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर में उसी ‘जननी' की हत्या क्यों की जाती है. अगर यह (भारत) लोकतंत्र की जननी है, तो यहां क्यों नहीं.'' अब्दुल्ला ने कहा कि यदि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए परिसीमन आवश्यक था, तो यह बहुत पहले किया जा सकता था.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग को शर्म से अपना सिर झुका लेना चाहिए. उन्हें लोगों से माफी मांगनी चाहिए कि जो फैसला उन्हें लेना था, वह उच्चतम न्यायालय ने लिया.'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के कुछ मंत्रियों के अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पूछे गये एक सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि ये (अपमानजनक टिप्पणी) गलत हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह मालदीव का अपना निर्णय है कि वह किस देश के साथ संबंध बनाना चाहता है, लेकिन मालदीव के कुछ मंत्रियों ने हमारे प्रधानमंत्री के खिलाफ जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वे पूरी तरह से गलत हैं. इस देश के पर्यटकों के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द भी गलत थे.''

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की उस टिप्पणी को याद करते हुए कि भारत अपने दोस्त बदल सकता है, लेकिन पड़ोसी नहीं, नेशनल कांफ्रेंस नेता ने कहा कि भारत को अपने पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध रखने चाहिए.उन्होंने कहा, 'इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि हमारे पड़ोसियों के साथ संबंध हमेशा बेहतर बने रहें.'
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com