"शिंदे-फडणवीस कर क्या रहे हैं?" : महाविकास अघाड़ी की रैली में महाराष्‍ट्र सरकार पर बरसे अजित पवार

अजित पवार ने राज्‍य की कानून व्‍यवस्‍था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की कोई स्थिति नहीं है. ऐसा लगता है कि सरकार किसी और पर ध्यान दे रही है. आम आदमी किसके पास जाए?

अजित पवार ने अपने संबोधन के दौरान लगातार शिंदे सरकार पर हमले किए. (फाइल)

मुंबई:

महाराष्‍ट्र दिवस के मौके पर मुंबई में महाविकास अघाड़ी ने एक रैली आयोजित की. रैली में महाविकास अघाड़ी के आला नेता मौजूद रहे. इस रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने शिंदे सरकार पर जमकर हमला बोला. अजित पवार ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वे राज्य की आर्थिक स्थिति को संभालने में असमर्थ हैं. साथ ही उन्‍होंने महाराष्‍ट्र की कानून व्‍यवस्था पर भी सवाल उठाया. पवार ने कहा कि यह सरकार धोखे से बनी है और चुनाव कराने से डरती है. 
 
अजित पवार ने कहा कि मुंबई को महाराष्ट्र में लाने के लिए कई लोगों को अपनी जिंदगी कुर्बान करनी पड़ी. मुंबई को बचाने और विकसित करने वाले व्यक्ति बालासाहेब ठाकरे हैं. उन्‍हीं के कारण मराठी माणूस एक साथ और एकजुट रहे. यही कुछ लोगों को पसंद नहीं आया. उन्होंने कुछ लोगों को तोड़ने की कोशिश की और आपको सोचना चाहिए कि क्या ये हरकतें बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को नुकसान नहीं पहुंचाएंगी. 

उन्‍होंने कहा कि एपीएमसी चुनावों में एमवीए ने अच्छा प्रदर्शन किया और लोग हमारे साथ हैं. उन्‍होंने कहा कि जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एमवीए का गठन हुआ तो हमें कोविड का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उसके बावजूद हम प्रदर्शन करने में सक्षम थे और सरकार चला पाए. 

शिंदे सरकार पर बरसे 

अजित पवार ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वे राज्य की आर्थिक स्थिति को संभालने में असमर्थ हैं. उन्‍होंने कहा कि महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश हो रही है. किसानों को परेशानी हो रही है. खेत बर्बाद हो गए हैं, लेकिन कोई भी किसानों की मदद करता नहीं दिख रहा है. शिंदे-फडणवीस क्या कर रहे हैं?  उन्‍होंने कहा कि मौसम विभाग अगले कुछ दिनों में और अधिक बेमौसम बारिश की भविष्यवाणी कर रहा है. हमें अपने किसानों के साथ खड़ा होना है. 

सरकार बनाने के लिए गद्दारी की : पवार 

अजित पवार ने राज्‍य की कानून व्‍यवस्‍था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की कोई स्थिति नहीं है. ऐसा लगता है कि सरकार किसी और पर ध्यान दे रही है. आम आदमी किसके पास जाए?

पवार ने अपने संबोधन के दौरान लगातार शिंदे सरकार पर हमले किए. उन्‍होंने कहा कि यह सरकार चुनाव कराने से डर रही है. निकाय चुनाव हो या अन्य कोई चुनाव. उन्हें डर है कि चुनाव के दौरान जनता उनके साथ नहीं होगी.

पवार ने कहा कि यह सरकार धोखे से बनी है. उन्होंने सरकार बनाने के लिए गद्दारी की. राज्य ने कभी भी ऐसा कुछ भी स्वीकार नहीं किया है. 

बेरोजगारी का मुद्दा उठाया 

इस दौरान उन्‍होंने बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया और कहा कि राज्य में बेरोजगारी है. सरकार सिर्फ इतना कहती है कि 75 हजार रिक्तियां भर दी जाएंगी, वे ऐसा कब करेंगे? ये सिर्फ इतना कहते हैं कि सरकार आम आदमी की है, ये सिर्फ विज्ञापन है. 

पवार ने कहा कि कोर्ट ने राज्य सरकार को अक्षम करार दिया है. हमने नहीं कहा, कोर्ट ने कहा क्योंकि वे दंगों को नियंत्रित करने में असमर्थ थे. यह सरकार लोगों के टैक्स के पैसे का इस्तेमाल विज्ञापन के लिए कर रही है. 

'हम यहां सत्ता के लिए नहीं'

उन्‍होंने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राणाजी सावंत ने कहा कि एमवीए को सरकार से हटाने के लिए फडणवीस और शिंदे ने 150 बार मुलाकात की. इससे पता चलता है कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं. उन्‍होंने कहा कि सरकार आती जाती है. हम यहां सत्ता के लिए नहीं हैं, लेकिन सभी को सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें आम आदमी का विश्वास और समर्थन प्राप्त है. मौजूदा सरकार जानबूझकर लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है, इनके झांसे में न आएं.

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