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कर्नाटक CM सिद्धारमैया को बड़ी राहत, MUDA घोटाले में लोकायुक्त ने दी क्लीन चिट, जानिए पूरा मामला

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में हुए इस कथित घोटाले के मामले में राज्यपाल ने अगस्त 2024 में सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. 

कर्नाटक CM सिद्धारमैया को बड़ी राहत, MUDA घोटाले में लोकायुक्त ने दी क्लीन चिट, जानिए पूरा मामला
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया.

MUDA Scam: बहुचर्चित मुडा घोटाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ी राहत मिली है. लोकायुक्त ने मुडा घोटाले में सिद्धारमैया को  क्लीन चिट दे दी है. मुडा घोटाले में लोकायुक्त को सिद्धारमैया के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. ऐसे में लोकायुक्त ने सिद्धारमैया को बड़ी राहत देते हुए क्लीन चिट दे दी है. बताते चले कि ये MUDA से जुड़े भूमि घोटाले का मामला है. जिसमें कर्नाटक के सीएम को बड़ी राहत मिली है. मुडा घोटाले में सिद्धारमैया की पत्नी पर 50:50 योजना के तहत भूमि के मुआवजे में अनियमितता के आरोप लगे थे. विपक्ष का आरोप है कि सिद्धारमैया की पत्नी को मैसूर के महंगे इलाके में मुआवजा देने के लिए 14 साइटें दी गई थी.  

राज्यपाल ने दिया था जांच का आदेश

हालांकि सिद्धारमैया ने बचाव में यह कहा था कि भूमि का यह आवंटन 2021 में भाजपा सरकार की समय से हुआ था. मालूम हो कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में हुए इस कथित घोटाले के मामले में राज्यपाल ने अगस्त 2024 में सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. 

राज्यपाल के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गए थे सिद्धारमैया

राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सिद्धारमैया ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसमें उन्होंने राज्यपाल के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी. हालांकि हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद सिद्धारमैया का परिवार जांच के दायरे में आया था. अब हालांकि लोकायुक्त द्वारा क्लीन चिट मिलने से सिद्धारमैया को बड़ी राहत मिली है.  

जानिए क्या है मुडा घोटाला

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) कर्नाटक की एक राज्यस्तरीय विकास एजेंसी है. इसका काम शहरी विकास को बढ़ावा देते हुए बुनियादी शहरी ढांचे को उपलब्ध कराना, किफायती आवास उपलब्ध कराना, आवास आदि का निर्माण करना है. मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए 50:50 नाम की एक योजना लेकर आई थी. जिसमें जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे. 2009 में शुरू की गई इस योजना को 2020 में भाजपा सरकार ने बंद कर दिया.

सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा. विपक्ष का आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया. हालांकि अब लोकायुक्त से कांग्रेस नेता को क्लीन चिट मिल गई है.  

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