
Illegal Mining Case: हैदराबाद में सीबीआई के विशेष प्रधान न्यायाधीश की अदालत ने मंगलवार को खनन व्यवसायी गली जनार्दन रेड्डी और उनके कई सहयोगियों को ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी (ओएमसी) मामले में दोषी ठहराया, और उन्हें आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में अवैध लौह अयस्क खनन के लिए सात साल की सजा सुनाई.
अवैध खनन में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप
रेड्डी के साथ-साथ, अदालत ने पूर्व खान और भूविज्ञान निदेशक वी.डी. राजगोपाल, ओएमसी के प्रबंध निदेशक बी.वी. श्रीनिवास रेड्डी, और रेड्डी के निजी सहायक मेहफुज अली को भी सात साल की जेल की सजा सुनाई. अदालत ने माना कि वे बड़े पैमाने पर अवैध खनन कार्यों में सीधे तौर पर शामिल थे, जिससे सार्वजनिक खजाने को भारी नुकसान हुआ.
तत्कालीन खान मंत्री को कोर्ट ने दी राहत
हालांकि अदालत ने तत्कालीन खान मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी और पूर्व आईएएस अधिकारी कृपानंदम को सबूतों के अभाव में साजिश में शामिल होने का दोषी नहीं माना और उन्हें बरी कर दिया. इस फैसले से तेलंगाना की मंत्री को राहत मिली, जो सीबीआई की पूरक चार्जशीट में आरोपियों में शामिल थीं.
देश के सबसे हाई-प्रोफाइल अवैध खनन मामलों
इस फैसले के साथ ही ओएमसी घोटाले की लंबे समय से चल रही जांच समाप्त हो गई है, जो देश के सबसे हाई-प्रोफाइल अवैध खनन मामलों में से एक है, जिसके महत्वपूर्ण कानूनी और राजनीतिक परिणाम हैं.
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