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EXCLUSIVE: पाकिस्तानी सेना के कैंप में ले जाया गया... POK से ट्रेनिंग लेकर आए पूर्व आतंकियों का कबूलनामा

कश्मीर के दो पूर्व आतंकियों से एनडीटीवी से खास बातचीत में कई खुलासे किये. दोनों JKLF और हिजबुल मुजाहिद्दीन के पूर्व आतंकी रहे हैं. इन्‍होंने बताया कि हम POK में गए थे. वहां हमें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी. वहां जाते ही हमारी आंखों पर पट्टी बांध दी गई थी.

EXCLUSIVE: पाकिस्तानी सेना के कैंप में ले जाया गया... POK से ट्रेनिंग लेकर आए पूर्व आतंकियों का कबूलनामा
हमारा पूरी तरह से ब्रेनवाश कर दिया था..
कश्‍मीर:

पाकिस्‍तान आतंकियों की पनाहगाह रहा है... PoK में आतंकियों को तैयार किया जाता है. ये बात अब किसी से छिपी नहीं है. POK से ट्रेनिंग लेकर आए दो पूर्व आतंकियों ने NDTV के सामने कबूल किया कि उन्‍हें बरगला कर बॉर्डर पार ले जाया गया था. PoK में उन्‍हें पाकिस्‍तानी सेना के कैंप में ले जाया गया था. वहां उन्‍हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई.  

वहां हमें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी...

कश्मीर के दो पूर्व आतंकियों से एनडीटीवी से खास बातचीत में कई खुलासे किये. दोनों JKLF और हिजबुल मुजाहिद्दीन के पूर्व आतंकी रहे हैं. इन्‍होंने बताया, 'हम POK में गए थे. वहां हमें हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी. वहां जाते ही हमारी आंखों पर पट्टी बांध दी गई थी. वहां हमें सबसे पहले पाकिस्तानी सेना के कैंप में ले जाया गया. फिर वो दूसरी जगह ले गए, जहां हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई.'

हमारा पूरी तरह से ब्रेनवाश कर दिया था

पूर्व आतंकियों ने बताया, 'हथियारों की ट्रैनिंग देने के बाद हमें कहा गया जाओ और वहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा करो. जो हमें ले गए थे और जो हमें वापस लाए उनके बारे में हमें कुछ नहीं पता. उन्‍होंने हमारा पूरी तरह से ब्रेनवाश कर दिया था. वापसी में जब हमने इंडिया बॉर्डर क्रॉस किया, तो हमारे ग्रुप के 5 लोगों को मुठभेड़ में सेना ने मार दिया.' 

दुनिया जानती है पाकिस्तानी जमीन आतंकियों के लिए सबसे बड़ा ट्रेनिंग स्कूल है, हालांकि पाकिस्तान हर बार इससे इनकार करता रहा है. लेकिन आज NDTV पर पाकिस्तानी आतंकी ने उसकी पोल खोल कर रख दी. सुनिए पाकिस्तानी आतंकी का कबूलनामा नम्बर-1

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इस रास्ते से कोई जन्नत मिलने वाली नहीं है...

एक पूर्व आतंकी के मुताबिक, 'उस वक्त मैं नाबालिग था. हमें गिलगिट ले गए थे. हम अपने मां बाप को बिना बताए POK चले गए थे. वापस आने के बाद हम OGW यानि ओवर ग्राउंड वर्कर बन गए. OGW का काम मेसेज को यहां से वहां देना होता है. वो आतंकियों की मदद करते हैं. जब हम वापसी में पकड़े गए और हमने सरेंडर किया, तब हमें अहसास हुआ कि हमने कितनी बड़ी गलती कर दी थी. ये रस्ता बहुत बहुत बहुत गलत है. हम कश्मीर के युवाओं से अपील करते है वो इस रास्ते पर बिल्कुल न आएं. इस रास्ते से कोई जन्नत मिलने वाली नहीं है, जन्नत अच्छे कामों से मिलती है.'

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