एकनाथ शिंदे गुट के विधायक पहुंचे गोवा, जानें क्या-क्या हुआ गुवाहाटी में

महाराष्ट्र से असम आए विधायकों को स्थानीय भाजपा मंत्रियों की निगरानी में रैडिसन ब्लू होटल में ठहराया गया था. जिससे यह साफ हो रहा था कि अगर शिंदे विद्रोहियों के कप्तान हैं तो कोच बीजेपी ही है.

एकनाथ शिंदे गुट के विधायक पहुंचे गोवा, जानें क्या-क्या हुआ गुवाहाटी में

सूत्रों के अनुसार गोवा में बागी विधायकों के लिए  70 कमरे बुक किए गए हैं. 

गुवाहाटी:

असम में एक सप्ताह से अधिक समय से रह रहे शिवसेना विधायकों को बुधवार की दोपहर एक बार फिर सूचना दी गयी कि गुवाहाटी में उन्हें अभी और कुछ समय रहना होगा. उन्हें बताया गया कि प्लान में कुछ बदलाव हुए हैं और उनके गोवा जाने में कुछ देरी हो सकती है.बागी गुट के नेता दीपक केसरकर ने कहा, "हम फैसले का इंतजार करेंगे."  केसरकर सुप्रीम कोर्ट में शाम पांच बजे होने वाली सुनवाई का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि वहां क्या होगा उसके बाद हम फैसला लेंगे. लेकिन शिंदे का दस्ता आखिरकार शाम 7 बजे के आसपास - चार्टर्ड फ्लाइट से गोवा के लिए रवाना हो गया. सूत्रों के अनुसार गोवा में बागी विधायकों के लिए  70 कमरे बुक किए गए हैं. 

गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे को अपना नेता मानने वाले इस गुट के विधायक एक सप्ताह पहले ही असम पहुंचे थे. उस समय भी उन्हें लाने के लिए चार्टर्ड विमान की व्यवस्था की गयी थी. महाराष्ट्र से असम आए विधायकों को स्थानीय भाजपा मंत्रियों की निगरानी में रैडिसन ब्लू होटल में ठहराया गया था. जिससे यह साफ हो रहा था कि अगर शिंदे विद्रोहियों के कप्तान हैं तो कोच बीजेपी ही है.

गुवाहाटी से शिंदे ने अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया था कि शिवसेना अब उनकी है. क्योंकि उसके 55 में से 40 विधायक उनके साथ हैं, साथ ही उनका कहना था कि शिवसेना को कांग्रेस और शरद पवार के साथ अपने मौजूदा गठबंधन को समाप्त करना चाहिए और  उसे भाजपा के साथ अपनी पिछली साझेदारी को फिर से स्थापित करना चाहिए. शिंदे के विद्रोह के बाद ठाकरे को राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने की नौबत आ गयी.

गुवाहाटी में कैंप के दौरान शिंदे गुट के विधायकों को किसी की भी पहुंच से दूर रखा गया. केवल बीजेपी के मंत्री ही उनसे मिलने के लिए गए. इसके अलावा विधायकों को बायो-बबल में ही रखा गया. विधायक बुधवार सुबह तक बाहर नहीं निकले आज बुधवार सुबह उन्हें बस से कामाख्या मंदिर ले कर जाया गया.असम में विधायकों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी. सूत्रों के अनुसार रजनीगंधा पान मसाला से लेकर विधायकों को जरूरी के कपड़े भी पहुंचाए गए क्योंकि इतने लंबे समय तक रहने की सोच कर वो लोग नहीं आए थे. विधायकों को असम की सबसे अच्छी चाय परोसी गई, और महाराष्ट्र के एक रसोइए तक को विशेष विमान से लाया गया था.

इधर 4 मंत्रियों और 15 विधायकों के समर्थन वाले टीम ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया.सदन में विश्वास मत हासिल करने की मांग बीजेपी की तरफ से मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात कर की गयी थी. बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर तत्काल शक्ति परीक्षण करवाने की मांग की थी. बीजेपी की तरफ से दावे किए गए थे कि उद्धव सरकार अल्पमत में है.जिसके बाद राज्यपाल ने सरकार को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया.  हालांकि ठाकरे के वकीलों की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि फ्लोर टेस्ट तब तक नहीं होना चाहिए जब तक कि 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के मामले पर अदालत फैसला नहीं दे देता है.

असम में बीजेपी की तरफ से हुई खातिरदारी से खुश बागी गुट के एक नेता केसरकर ने कहा कि "हम बीजेपी के बहुत आभारी हैं," हमें यहां बहुत ही अच्छे ढंग से रखा गया था.जब हम यहां पहुंचे थे तो हमें नहीं पता था कि बाढ़ की क्या हालत है. हमने मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख का चेक दिया है.

ऐसे समय में जब असम में हजारों गांव पानी में डूबे हुए हैं, ऐसे में शिंदे गुट के विधायकों की हो रही खातिरदारी पर असम सरकार की लगातार आलोचना होती रही है. इस मुद्दे पर एनडीटीवी से बात करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि "गुवाहाटी में रहने वाले महाराष्ट्र के विधायकों से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. हम बाढ़ प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, हमारे लोग जानते हैं कि हमारा ध्यान बाढ़ पर है और मैं हर दिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहा हूं."बताते चलें कि इस दौरान कई बार ठाकरे ने सार्वजनिक तौर पर अपील जारी कर बागी विधायकों को वापस आने के लिए कहा था. मंगलवार शाम को भी उन्होंने विधायकों को वापस आने के लिए कहा था.

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