अनुच्छेद 370 की बहाली से पहले विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगी : महबूबा मुफ्ती

अगस्त, 2019 में केन्द्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त कर, जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था.

अनुच्छेद 370 की बहाली से पहले विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगी : महबूबा मुफ्ती

नई दिल्ली:

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को संकल्प लिया कि जब तक संविधान का अनुच्छेद 370 पुन: बहाल नहीं हो जाता है, वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि यह ‘मूर्खतापूर्ण' फैसला हो सकता है लेकिन उनके लिए यह ‘भावनात्मक' मुद्दा है. पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव इसलिए नहीं हो रहे हैं क्योंकि केन्द्र सरकार ‘डरी' हुई है कि अगर निर्वाचित सरकार बनी तो वह अपना ‘छुपा हुआ एजेंडा' नहीं चला पाएगी.

गौरतलब है कि अगस्त, 2019 में केन्द्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त कर, जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था. साथ ही जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था. महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘जब तक अनुच्छेद 370 फिर से लागू नहीं हो जाता, मैं कभी विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगी. जब भी मैंने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण किया है, वह हमेशा दो संविधानों... जम्मू-कश्मीर का संविधान और भारत का संविधान, और उसी वक्त दो झंडों के साथ हुआ है. संभवत: मेरी ओर से यह मूर्खतापूर्ण फैसला हो, लेकिन, यह मेरे लिए भावनात्मक मुद्दा है.''

महबूबा विशेष दर्जा के तहत तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के पृथक संविधान और झंडे का जिक्र कर रही थीं. यह पूछने पर कि क्या वह संसदीय चुनाव लड़ेंगी, पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि इसका कुछ पक्का नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘संसदीय (चुनाव), मुझे अभी कुछ पता नहीं.'' इस सवाल पर कि क्या अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की मांग करने वाला गठबंधन पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लरेशन (पीएजीडी) एक गठबंधन के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ेगा, महबूबा ने कहा कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस पर कभी चर्चा नहीं की कि हम चुनाव साथ मिलकर लड़ने वाले हैं या अलग-अलग. जब तक हम सभी साथ नहीं बैठते हैं... उसके बाद ही हम इस बारे में बात कर पाएंगे.'' जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाली के केन्द्र सरकार के दावों पर महबूबा ने सवाल किया कि अगर पंचायत चुनाव लोकतंत्र की असल परीक्षा हैं तो फिर देश में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पद क्यों हैं. पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वे लोग पंचायत चुनावों की बात कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ये चुनाव पहली बार हुए हैं. ये चुनाव (नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक) शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के वक्त से होते रहे हैं. अगर पंचायत लोकतंत्र की असल परीक्षा है तो, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री क्या कर रहे हैं? पंचायत विधानसभा का विकल्प नहीं हो सकती है.''

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं होने के संबंध में सवाल करने पर महबूबा ने कहा कि केन्द्र सरकार ‘‘डरी'' हुई है कि अगर निर्वाचित सरकार बनी तो वे लोग अपना ‘छुपा हुआ एजेंडा' नहीं चला सकेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें किस बात का डर है, मुझे नहीं पता. वे लोग हर सप्ताह जो फरमान जारी कर रहे हैं, वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को और कमजोर बना रहे हैं, और वे इसे जारी रखना चाहते हैं.'' महबूबा ने आरोप लगाया कि उनकी योजना जम्मू-कश्मीर के लोगों को तोड़ने और उन्हें घुटनों पर लाने की है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वे विधानसभा नहीं चाहते हैं, जिसके बारे में उन्हें लगता है कि वह सशक्त हो सकती है और संभवत: फरमानों को नहीं मानेगी.''

जम्मू-कश्मीर के हालात का हवाला देते हुए महबूबा ने कहा कि केन्द्र सरकार के लिए अब सख्ती से पेश आना संभव नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘यह संभव नहीं है. ये सभी कठोर कदम हैं. आपने प्रेशर कूकर जैसी हालत बना दी है. लेकिन अब उन्हें डर लग रहा है कि उन्होंने अगर हाथ हटाया तो सब कुछ एक साथ बाहर आ जाएगा. यह शायद हद से बड़ा हो जाए. इसलिए वे हर आने वाले दिन और दबाव बना रहे हैं.'' पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वे और कानून बना रहे हैं, और लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं, वे विपक्ष नहीं चाहते हैं, वे किसी प्रकार का विरोध नहीं चाहते हैं, और वे विरोध की आवाज को कोई जगह नहीं देना चाहते हें. वे चाहते हैं कि बस सब कुछ अच्छा-अच्छा दिखता रहे.''

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ‘‘एक समस्या है, एक मसला है'' और दो परमाणु शक्तियों (भारत-पाकिस्तान) के बीच का मुद्दा है और कोई इसे खारिज नहीं कर सकता है. खालिस्तान समर्थक अलगाववादी अमृतपाल सिंह के मामले में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ‘‘यह सब कुछ वाकई हो रहा है या फिर भाजपा ऐसे हालात पैदा कर रही है.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)