
एयर इंडिया के अधिकारियों ने बुलाई बैठक
नई दिल्ली:
नकदी संकट से जूझ रही एयर इंडिया के निदेशक मंडल ने शुक्रवार को बैठक की. यह बैठक ऐसे समय हुयी जब सरकार कंपनी की मदद के लिये राहत पैकेज देने पर विचार कर रही है. एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश में नाकाम रहने के बाद सरकार कंपनी की वित्तीय हालत सुधारने के लिये शेयर पूंजी डालने और संभावित कर्ज माफी पर विचार कर रही है. कंपनी के निदेशक मंडल में दो स्वतंत्र निदेशकों- आईटीसी के चेयरमैन वाई सी देवेश्वर और आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला के शामिल होने के बाद पहली बैठक है. सूत्रों के अनुसार देवेश्वर बैठक में शामिल हुये लेकिन बिड़ला नहीं आये. निदेशक मंडल की बैठक में हुयी चर्चा के के बारे में अभी पता नहीं चला है.
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नागर विमानन मंत्रालय एयर इंडिया के लिये 11,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने के लिये वित्त मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। मार्च 2017 के अंत तक कंपनी का कुल कर्ज 48,000 करोड़ रुपये से अधिक था. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि केंद्र विनिवेश योजना को अमली जामा पहनाने में विफल रहने के बाद अब कर्ज बोझ से दबी एयरलाइन में नई पूंजी डालने पर विचार कर रही है. नागर विमानन मंत्रालय के सचिव आर चौबे ने कहा कि स्थिति अनुकूल होने के बाद विनिवेश योजना पर विचार किया जाएगा.
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चौबे ने कहा कि एयर इंडिया में पूंजी डाले जाने के बारे में जल्दी ही निर्णय किया जाएगा. ’’उन्होंने कहा , ‘‘ कोई भी मदद इसी आधार पर दी जाएगी कि एयर इंडिया निर्धारित समयसीमा में अपेक्षाओं पर खरा उतरे. जब कभी सरकार समर्थन देगी , एयर इंडिया के लिये उन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये निश्चित समयसीमा होगी. ’’चौबे ने कहा कि सरकार एयर इंडिया के कामकाज में सुधार को लेकर जरूरी समर्थन उपलब्ध कराएगी. उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया में हिस्सेदारी बिक्री के लिये कोई बोलीदाता आ कर्षित नहीं किया जा सका. बोली जमा करने की अंतिम तिथि 31 मई थी. उन्होंने कहा , ‘‘ सरकार एयर इंडिया में विनिवेश को लेकर प्रतिबद्ध है.
VIDEO: एयर इंडिया की फ्लाइट में हादसा.
फिलहाल स्थिति अनुकूल नहीं है. इसीलिए हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं ... जब भी स्थिति बेहतर होगी और जब हमे लगेगा कि मांग है , हम प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे. ’’एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 20 हवाईअड्डों को अबतक उड़ान योजना से जोड़ा गया है. (इनपुट भाषा से)
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नागर विमानन मंत्रालय एयर इंडिया के लिये 11,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने के लिये वित्त मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। मार्च 2017 के अंत तक कंपनी का कुल कर्ज 48,000 करोड़ रुपये से अधिक था. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि केंद्र विनिवेश योजना को अमली जामा पहनाने में विफल रहने के बाद अब कर्ज बोझ से दबी एयरलाइन में नई पूंजी डालने पर विचार कर रही है. नागर विमानन मंत्रालय के सचिव आर चौबे ने कहा कि स्थिति अनुकूल होने के बाद विनिवेश योजना पर विचार किया जाएगा.
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चौबे ने कहा कि एयर इंडिया में पूंजी डाले जाने के बारे में जल्दी ही निर्णय किया जाएगा. ’’उन्होंने कहा , ‘‘ कोई भी मदद इसी आधार पर दी जाएगी कि एयर इंडिया निर्धारित समयसीमा में अपेक्षाओं पर खरा उतरे. जब कभी सरकार समर्थन देगी , एयर इंडिया के लिये उन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये निश्चित समयसीमा होगी. ’’चौबे ने कहा कि सरकार एयर इंडिया के कामकाज में सुधार को लेकर जरूरी समर्थन उपलब्ध कराएगी. उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया में हिस्सेदारी बिक्री के लिये कोई बोलीदाता आ कर्षित नहीं किया जा सका. बोली जमा करने की अंतिम तिथि 31 मई थी. उन्होंने कहा , ‘‘ सरकार एयर इंडिया में विनिवेश को लेकर प्रतिबद्ध है.
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फिलहाल स्थिति अनुकूल नहीं है. इसीलिए हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं ... जब भी स्थिति बेहतर होगी और जब हमे लगेगा कि मांग है , हम प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे. ’’एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 20 हवाईअड्डों को अबतक उड़ान योजना से जोड़ा गया है. (इनपुट भाषा से)