महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र की मांग की है. उन्होंने कहा कि मैं राज्य सरकार से मांग करता हूं कि राज्य की वर्तमान आर्थिक स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाए. लोगों को सच्चाई जानने का अधिकार है. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश के रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उन्होंने एक बार कहा था, 'जो काम मैंने प्रधानमंत्री रहते हुए किया, उसकी आज आलोचना होती है, लेकिन भविष्य इसका मूल्यांकन करेगा.'
नाना पटोले ने आगे कहा कि 26 तारीख से आज तक और भविष्य में भी डॉ. मनमोहन सिंह जी का किया गया काम न्याय का प्रतीक है. जब दुनिया के नेता किसी सम्मेलन में मिलते थे, तो उनका सम्मान होता था, क्योंकि वह सबसे शिक्षित और दूरदर्शी व्यक्ति थे. वह आर्थिक व्यवस्था के डॉक्टर थे. आज जब वह हमारे बीच नहीं हैं, देश आर्थिक रूप से कमजोर होता जा रहा है. पिछले 10 वर्षों में हमने यह गिरावट देखी है. वह सबको साथ लेकर चलते थे. जिनके पास सत्ता है, वे कुछ भी कर सकते हैं.
तिलक भवन में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की श्रद्धांजलि सभा के दौरान नाना पटोले ने सिंह की स्मारक के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने देश के लिए काम किया, अपने लिए नहीं. उनके पास एक मारुति 800 कार थी. उन्हें अपमानित किया जा रहा है, यह ऊंची राजनीति का उदाहरण है. सरकार ने उनके स्मारक के लिए सहमति नहीं दी. सत्ता में बैठे लोगों का यह व्यवहार दुनिया देख रही है.
सच परेशान हो सकता है, पराजित नहीं
फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पर नाना पटोले ने कहा कि सच परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं. डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री रहते हुए बदनाम किया गया, लेकिन भविष्य उनकी ताकत को साबित करेगा. उन्होंने हमेशा देश और जनता के लिए काम किया. अगर अनुपम खेर जैसे समझदार व्यक्ति उन्हें 'एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' कहते हैं, तो वे जनता की नजरों में गिर चुके हैं,
हाथरस मामले में राहुल गांधी को मानहानि नोटिस पर नाना पटोले ने कहा कि आज कोर्ट बंद है, लेकिन मनमोहन सिंह जी से ध्यान भटकाने के लिए राहुल गांधी को मानहानि का नोटिस भेजा गया है. जब डॉ. मनमोहन सिंह जीवित थे, तब भी बीजेपी उनसे डरती थी, और आज जब वह हमारे बीच नहीं हैं, तब भी वे डरे हुए हैं.
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