
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में चलाए जा रहे राहत अभियान में जुटी एजेंसियों के बीच तालमेल के अभाव से शनिवार को इनकार किया। सरकार ने आपदा से मरने वालों की संख्या 557 बताई है।
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आपदा राहत कार्यों में जुटी विभिन्न एजेंसियों के मध्य तालमेल की कमी की खबरों को खारिज करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि विभिन्न एजेंसियों के बीच पूरा तालमेल है।
आपदाग्रस्त पहाड़ी क्षेत्र से 70,000 लोगों को निकाले जाने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "हम आपसे स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि राहत अभियान में जुटी विभिन्न एजेंसियों के बीच पूरा समन्वय है।"
राहत एवं बचाव अभियान का अद्यतन ब्योरा देते हुए तिवारी ने आपदा में मारे गए लोगों की संख्या 557 बताई जबकि घायलों की संख्या 412 बताई। उन्होंने कहा कि राज्य के ऊंचाई वाले हिस्सों में अभी भी 22000 लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को करीब 10,000 लोग निकाले गए जिनमें से भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सेना ने 4-4 हजार लोगों को निकाला। जिन लोगों को सेना ने निकाला उनमें से 2000 खतरनाक इलाके में फंसे हुए लोग हैं।
खराब मौसम के बावजूद वायुसेना ने शनिवार दोपहर तक हेलीकॉप्टरों से 150 फेरी लगाई। तिवारी ने आगे बताया कि राहत एवं बचाव अभियान में शामिल 61 हेलीकॉप्टरों में से 43 वायुसेना के, 11 सेना के और सात निजी हैं।
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