कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई पार्टी नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) को निष्कासित करने का प्रस्ताव तैयार कर रही है. इस प्रस्ताव को दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान को भेजा जाएगा और पार्टी की अनुशासन समिति इस पर अंतिम फैसला लेगी. प्रस्ताव का फैसला 'INDIA' गठबंधन के सहयोगी दल शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणी को लाया जा रहा है. यह फैसला प्रदेश कांग्रेस समिति की एक बैठक में लिया गया. इस दौरान निरुपम को पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटाने का फैसला लिया गया है. इधर
संसद के दोनों सदन राज्यसभा और लोकसभा में सांसद रहे संजय निरुपम महाराष्ट्र में लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद से ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी पर निशाना साध रहे हैं.
संजय निरुपम ने कहा- कल मैं खुद फैसला ले लूंगा
कांग्रेस से बगावत की तैयारी में दिख रहे संजय निरुपम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि कांग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे. बल्कि अपनी बची-ख़ुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल करे,पार्टी को बचाने के लिए करे. वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है. मैंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी,वह आज पूरी हो गई है. कल मैं खुद फ़ैसला ले लूंगा.
कॉंग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे।
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) April 3, 2024
बल्कि अपनी बची-ख़ुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल करे,पार्टी को बचाने के लिए करे।
वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है।
मैंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी,वह आज पूरी हो गई है।
कल मैं खुद फ़ैसला ले…
क्यों नाराज हैं संजय निरुपम?
विवाद की जड़ मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट है. संजय निरुपम इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने अमोल कीर्तिकर को वहां से उम्मीदवार बना दिया. अभी इस सीट पर शिवसेना के गजानन कीर्तिकर सांसद हैं, जिन्होंने 2019 के चुनाव में निरुपम को हराया था. शिवसेना के अलग होने के बाद गजानन कीर्तिकर एकनाथ शिंदे के साथ चले गए. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने बड़ी चाल चलते हुए उनके बेटे अमोल को सीट से मैदान में उतार दिया. गजानन कीर्तिकर ने अब कहा है कि वह अपने बेटे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा-एनसीपी-शिवसेना के गठबंधन में सीट समझौते के तहत इस सीट से भाजपा अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है.
शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर साधा था निशाना
संजय निरुपम ने कहा है कि कांग्रेस नेतृत्व को उद्धव ठाकरे की पार्टी के सामने खुद को कमजोर नहीं होने देना चाहिए. शिवसेना की सूची जारी होने के तुरंत बाद, उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था कि कांग्रेस को शिवसेना (यूबीटी) के दबाव में नहीं आना चाहिए क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी कांग्रेस के समर्थन के बिना कोई भी सीट जीतने में सक्षम नहीं है.
क्या बीजेपी में शामिल होंगे संजय निरुपम?
संजय निरुपम ने अपने अगले कदम के बारे में कई संकेत दिये हैं. पिछले हफ्ते, मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा था कि वह अपने द्वारा उठाए गए मुद्दों पर आलाकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं साथ ही उन्होंने कहा था कि "मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं"
संजय निरुपम के मुद्दे पर महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि निरुपम जैसे लोगों का पार्टी में "हमेशा स्वागत" है यदि वह तैयार हैं और उनके विचार भाजपा के साथ मेल खाते हैं तो उनका स्वागत है. बीजेपी नेता ने कहा कि संजय निरुपम के राजनीतिक कार्यकाल को देखें तो उन्होंने लोगों को कांग्रेस से जोड़ने के लिए काफी काम किया है. उत्तर भारत में उनकी अच्छी पहचान है. संजय निरुपम से अभी बातचीत नहीं हुई है, लेकिन अगर वह तैयार हैं तो उनका बीजेपी में स्वागत है.
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