महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी नेता नारायण राणे (BJP leader Narayan Rane) पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. कोरोना काल में आदेशों का उल्लंघन कर तिरंगा यात्रा निकाल रहे नारायण राणे की गिरफ्तारी का आदेश नासिक (Nashik) सीपी ने निकाला है.इसके लिए डीसीपी स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है. आदेश में यह भी लिखा है कि नारायण राणे केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद (Union Minister and Rajya Sabha MP)हैं, इसलिए उप राष्ट्रपति को सूचित कर पूरी प्रक्रिया का पालन करें.नासिक पुलिस, नासिक साइबर और पुणे पुलिस में नारायण राणे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले मुम्बई में हुए दो दिन की तिरंगा यात्रा में उनके खिलाफ कुल 36 FIR दर्ज की गई हैं. पहले दिन 19 FIR और दूसरे दिन 17 FIR दर्ज की गई थीं. नारायण राणे ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि सभी व्यवसाय आज त्रस्त हैं.. अगले 10 साल लोग अपना सिर दोबारा ऊपर नहीं कर सकते, यह केवल इस व्यक्ति (उद्धव ठाकरे) के वजह से हुआ है. उनकी वजह से महाराष्ट्र में 1 लाख 57 हज़ार लोगों की मौत हुई है (कोविड से) ना ही वैक्सीन है, ना स्टाफ, ना डॉक्टर, कुछ नहीं है.
महाराष्ट्र का आरोग्य विभाग के पास कुछ नहीं है. राणे ने कहा था कि इनको बोलने का अधिकार भी क्या है. तीखा हमला बोलते हुए राणे ने कहा,वो दिन पीछे मुड़कर पूछ रहे थे कि आज़ाद होकर हमें कितना साल हो चुका है.. अरे, ऐसे कैसे नहीं पता.. मैं होता तो उन्हें वहीं थप्पड़ मारता. देश को आज़ाद होकर कितना समय हुआ वो इन्हें नहीं पता. इसी बयान के बाद मामला दर्ज कराया गया है और गिरफ्तारी का आदेश निकाला गया है.
वहीं एनसीपी प्रवक्ता और मंत्री नवाब मलिक ने कहा, जिस तरह कि भाषा का इस्तेमाल नारायण राणे ने किया है वो सिर्फ मुख्यमंत्री का अपमान नही बल्कि राज्य की जनता का अपमान है. मुख्यमंत्री के लिए इस तरह की भाषा बर्दाश्त नही की जा सकती है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सरकार चल रही है. इसमें एनसीपी और कांग्रेस भी शामिल हैं. बीजेपी कोरोना और अन्य मुद्दों को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार पर हमलावर है. राज्य में निकाय चुनाव को लेकर भी सियासी जोर आजमाइश तेज हो गई है
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