केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने शनिवार को आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में स्वचालित मार्ग से 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) की अनुमति दी है. सरकार के इस कदम से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश में आसानी होगी. इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया.मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक बीमा क्षेत्र में स्वत: मार्ग के तहत 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है. हालांकि, यह नियम भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC IPO) पर लागू नहीं होता है. इसलिए केंद्रीय कैबिनेट ने नया फैसला लिया है.
LIC का प्रबंधन एक अलग कानून एलआईसी ऐक्ट के तहत होता है. बाजार नियामक सेबी के नियमों के अनुसार, सार्वजनिक निर्गम पेशकश के तहत एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) और एफडीआई दोनों की अनुमति है. एलआईसी ऐक्ट में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है, लिहाजा विदेशी निवेशक भागीदारी के के मामले में प्रस्तावित एलआईसी आईपीओ को सेबी के मानकों के अनुरूप बनाने की जरूरत है.
देश का सबसे बड़ा आईपीओ यानी शेयर बाजार में इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) मार्च में आ रहा है.जीवन बीमा निगम या Life Insurance Corporation में अपना आईपीओ (LIC IPO) लेकर आ रही है, ऐसा पहली बार होगा, जब एलआईसी अपने शेयरों का एक बड़ा हिस्सा निवेशकों के लिए खोलेगी. इस आईपीओ में खरीदारी के लिए कंपनी एलआईसी के कर्मचारियों और पॉलिसीधारकों को छूट भी देगी. लेकिन अगर आप प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के भी बीमाधारक हैं, तो आपको भी फायदा होगा.
एलआईसी का आईपीओ मार्च में आने वाला है और इसको सफल बनाने के लिए सरकार और बाजार नियामक सभी तरह के जरूरी उपाय करने में जुटा है.
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