
कृष्ण जन्मभूमि का मामला (Krishna Janmabhoomi case) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें कृष्ण जन्मभूमि को समझौते के जरिए मुसलमानों को देने को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि हिंदुओं के साथ धोखा करके कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की संपत्ति बिना किसी कानूनी अधिकार के अनधिकृत रूप से समझौता करके शाही ईदगाह को दे दी गई, जो कि गलत है.
याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने कहा है कि कोर्ट घोषित करे कि श्रीकृष्ण जन्म सेवा संस्थान की ओर से 12 अगस्त, 1968 को शाही ईदगाह के साथ किया गया समझौता बिना क्षेत्राधिकार के किया गया था, इसलिए वह किसी पर भी बाध्यकारी नहीं है.
याचिका में यह भी मांग की गई है कि श्रीकृष्ण सेवा संस्थान द्वारा बिना किसी अधिकार के कृष्ण जन्मभूमि और ट्रस्ट की संपत्ति को समझौते के जरिए मुसलमानों को दिए जाने और हिंदुओं से धोखा किए जाने की एसआईटी गठित कर जांच कराई जाए और सेवा संस्थान के सदस्यों के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया जाए.
गौरतलब है कि इस मामले में मथुरा की सिविल अदालत में पहले ही एक सूट दाखिल किया गया है जिसमें अदालत ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी किया था.
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