- कश्मीर में सर्दियों के दौरान जरूरी सामानों की कमी और महंगाई से लोग परेशान हैं
- बिजली कटौती और पाइप जमने के कारण कई इलाकों में बुनियादी सेवाओं की आपूर्ति बाधित है.
- कड़ाके की ठंड के बीच प्रशासन के इंतजाम अपर्याप्त होने से आम लोग जीवनयापन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं
कश्मीर में सर्दियों के आते ही लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. ठंड यहां की पहचान जरूर है, लेकिन जरूरी सामानों की कमी, बिजली कटौती और कालाबाजारी के कारण जीवन कठिन हो जाता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक अब सर्दियों का पारंपरिक सौंदर्य रोजमर्रा की परेशानियों के आगे फीका पड़ गया है. ठंड बढ़ते ही हीटिंग, गर्म कपड़ों, ईंधन और खाद्य सामग्री की मांग तेज हो जाती है, लेकिन आपूर्ति कम होने और महंगाई के कारण गरीब और मध्यम वर्ग पर दबाव बढ़ता है. बिजली और पानी जैसी बुनियादी सेवाओं के प्रबंधन से चुनौतियां लगातार और बढ़ रही हैं. कई इलाकों में लंबी बिजली कटौती से लोगों को ठंड और अंधेरे में रहना पड़ता है. कई इलाकों में पाइप जमने से पानी की आपूर्ति भी बाधित हो जाती है. ऐसे हालात में लोगो का जीना और भी मुश्किल हो जाता है.
जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की अनिश्चितता ने हालात और मुश्किल बना दिए हैं. इन समस्याओं के बावजूद, कश्मीर के लोग एक-दूसरे की मदद कर सर्दियों का सामना कर रहे हैं. फिर भी, लोग प्रशासन से जरूरी वस्तुओं की नियमित आपूर्ति, कीमतों पर नियंत्रण और बुनियादी सेवाओं में सुधार की मांग कर रहे हैं, ताकि सर्दियों का समय और कठिन न बने.
अब कश्मीरियों को डर है कि सर्दियों का यह महीने और भी असहनीय हो जाएंगे. वजह है कि आज से जम्मू कश्मीर में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है जिससे निपटने के लिये प्रशासन का जो इंतजाम होना चाहिए वह उतना नही है जितना होना चाहिए. लिहाजा आम आदमी गला देने वाली ठंड में ज़िंदगी गुजारने को मजबूर हैं.
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