कर्नाटक के बीजेपी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा की मुश्किल बढ़ गई हैं. कान्ट्रेक्टर संतोष पाटिल की आत्महत्या के मामले में उनके परिवार की तरफ से बेंगलुरु की एक अदालत में जांच दुबारा करवाने की अपील की गई है. सीआईडी ने ईश्वरप्पा को क्लीन चिट दे दी थी. अब संतोष पाटिल के परिवार ने पुलिस की जांच के तौर तरीकों पर सवाल उठाए हैं.
कान्ट्रेक्टर संतोष पाटिल का परिवार बेंगलुरु की एक अदालत में न्याय की गुहार लगाने पहुंचा था. उनकी पत्नी बूढ़ी मां और परिवार के अन्य लोग कोर्ट पहुंचे. संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल ने कहा कि, "हम दुबारा जांच चाहते हैं."
ठेकेदार संतोष पाटिल ने पिछले साल अप्रैल में आत्महत्या कर ली थी. तब के पंचायती राज मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता ईश्वरप्पा और इनके सहयोगियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. उन पर बिल क्लियर करने के लिए 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगा था. इस मामले में ईश्वरप्पा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
संतोष पाटिल की आत्महत्या और आरोपों की जांच सीआईडी ने की थी. सीआईडी ने ईश्वरप्पा को क्लीन चिट दे दी थी. इसके फौरन बाद ईश्वरप्पा बीजेपी पर दुबारा मंत्री बनाने के लिए दबाव बनाने लगे.
केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि, ''जिसे आरोपों से मुक्त कर दिया गया हो उसको दोषी कैसे ठहराया जा सकता है? मेरे मामले में मुझे क्लीन चिट दी गई है.''
ईश्वरप्पा ओबीसी नेता हैं और वे 75 साल के हैं. ऐसे में उम्र की वजह से बीजेपी आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट देगी या नहीं, इस पर सवाल उठ रहे हैं. बीजेपी की उम्मीदवारों की पहली लिस्ट आने वाली है और इससे ठीक पहले ईश्वरप्पा को क्लीन चिट देने वाली पुलिस की रिपोर्ट को अदालत में चुनौती दे दी गई है. इसके साथ ही ईश्वरप्पा की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
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