भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और PM नरेन्द्र मोदी की तुलना 'जहरीले सांप' से किए जाने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिाकार्जुन खरगे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और कर्नाटक में उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने की मांग की. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग पहुंचे. बीजेपी नेताओं के इस प्रतिनिधमंडल में पार्टी महासचिव तरुण चुग, सांसद अनिल बलूनी और पार्टी नेता ओम पाठक शामिल थे.
चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि ऐसा नहीं है कि जुबान फिसलने की वजह से खरगे की यह टिप्पणी सामने आई है, बल्कि यह कांग्रेस की नफरत की राजनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मोदी पर व्यक्तिगत हमले करने का इतिहास रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस समाज में सामाजिक सौहार्द खराब करने और चुनावों में लोगों को उकसाने का प्रयास कर रही है.
BJP महासचिव चुग ने कहा कि खरगे आदतन अपराधी हैं और कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ पूर्व में भी कई अवसरों पर ‘घृणास्पद' निजी टिप्पणी कर चुके हैं. भाजपा ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत खरगे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है, जो मानहानि से संबंधित है. पार्टी ने धारा 504 के तहत भी खरगे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. यह धारा जानबूझकर अपमान करने और उकसाने के अपराध से संबंधित है.
कर्नाटक में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना जहरीले सांप से की थी. विवाद पैदा होने के बाद उन्होंने बाद में स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ थी. बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है.
आयोग को सौंपे गए एक ज्ञापन में भाजपा ने कहा, ‘‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि कोई भी चुनाव कानूनों का उल्लंघन करने के लिए झूठे, असत्यापित, आधारहीन आरोप नहीं लगाए और आदर्श आचार संहिता की पवित्रता को ठेस पहुंचाने वाले व्यवहार में शामिल न हो.''
इसमें कहा गया है, ‘‘खरगे को कर्नाटक चुनाव में प्रचार करने से रोक दिया जाना चाहिए, ताकि इस तरह के कटु प्रचार अभियान को रोका जा सके और एक उदाहरण पेश किया जा सके कि आयोग आदर्श आचार संहिता या देश के अन्य कानूनों के किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा.'' इसमें कहा गया है कि भारतीय समाज में किसी की तुलना जहरीले सांप से करने पर ऐसे व्यक्ति को "शत्रु, विश्वासघाती और धोखेबाज" के रूप में पेश किया जाता है.
पार्टी ने कहा, "एक सम्मानित प्रधानमंत्री की छवि खराब करने के लिए इस तरह की अशिष्ट और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल स्पष्ट रूप से दिखाता है कि कांग्रेस किस स्तर तक गिर गई है. अगर इस तरह की विकृत टिप्पणियों पर प्रभावी तरीके से रोक नहीं लगाई गई, तो इससे न केवल चुनावी माहौल खराब होगा, बल्कि इससे राजनीतिक संवाद की गुणवत्ता के औचित्य के स्तर को कम करने में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को और प्रोत्साहन मिलेगा.''
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