कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को वोटिंग है और 13 मई को रिजल्ट आएंगे. दक्षिण राज्य में चुनावी प्रचार के बीच दूध के ब्रांड को लेकर अलग ही बहस चल रही है. 5 अप्रैल 2023 को देश के सबसे बड़े डेयरी कॉर्पोरेटिव 'गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन' (Gujarat Cooperative Milk Marketing Federation-GCMMF) ने कर्नाटक में अपने प्रोडक्ट अमूल (Amul) को उतारने का ऐलान किया है. कर्नाटक के कई नेताओं और लोगों ने इस फैसले की आलोचना की. कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के ब्रांड नंदिनी के लिए ‘Save Nandini‘ नाम से एक कैंपेन भी शुरू कर दिया गया है. चुनावी बयार के बीच राजनीतिक पार्टियां 'दूध' से 'मक्खन' निकालने की सियासत में जुटी हैं.
आइए जानते हैं क्या है अमूल बनाम नंदिनी विवाद और कर्नाटक में दूध को लेकर क्यों हो रही राजनीति:-
क्या है अमूल बनाम नंदिनी विवाद?
अमूल ने 5 अप्रैल को ऐलान किया कि वो कर्नाटक में भी अपने प्रोडक्ट बेचेगी. कंपनी ने ट्वीट किया- 'दूध और दही के साथ एक ताजगी की नई लहर बेंगलुरु आ रही है.' अमूल के कर्नाटक में इस लॉन्च अलर्ट के बाद से राज्य में चर्चा होने लगी कि गुजरात बेस्ड को-ऑपरेटिव सोसायटी के (GCMMF) अमूल ब्रांड के जरिए सत्ताधारी बीजेपी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के ब्रांड नंदिनी को खत्म करने की कोशिश कर रही है. इसके बाद सोशल मीडिया पर कैंपेन चलने लगे. 'बायकॉट अमूल', 'गो बैक अमूल' और 'सेव नंदिनी' जैसे हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे.
कर्नाटक के लिए नंदिनी खास क्यों?
नंदिनी कर्नाटक का अपना ब्रांड है. कर्नाटक के लोग इस पर बहुत गर्व भी करते हैं. अमूल देश का नंबर एक मिल्क ब्रांड है और नंदिनी नंबर 2 पर है. नंदिनी ब्रांड के तहत व्यापार करने वाले KMF की शुरुआत 1974 में हुई थी. आज यह देश का दूसरा सबसे बड़ा मिल्क प्रोड्यूसर है.
नंदिनी और अमूल ब्रांड के प्रोडक्ट की कीमत में कितना है अंतर?
नंदिना ब्रांड के तहत KMF दूध, दही, छाछ, लस्सी, मिठाई और बिस्कुट बनाती है. नंदिनी का एक लीटर का टोंड मिल्क 39 रुपये और फुल क्रीम 49 रुपये का है. जबकि अमूल ब्रांड के टोंड मिल्क के 1 लीटर पैकेट की कीमत दिल्ली में 54 रुपये में मिलता है. यह नंदिनी ब्रांड की कीमत से काफी ज्यादा है. अमूल का फुल क्रीम मिल्क दिल्ली में 66 रुपये लीटर मिलता है. वहीं, गुजरात में इसकी कीमत 64 रुपये है. गुजरात में नंदिनी ब्रांड के फुल क्रीम मिल्क का एक लीटर का पैक 49 रुपये में आता है. इसके साथ ही अमूल का एक किलो दही 66 से 67 रुपये में आता है. जबकि नंदिनी ब्रांड के एक किलो दही की कीमत 47 रुपये है.
विपक्षी पार्टियां कर रहीं अमूल का विरोध
अमूल की कर्नाटक में प्रस्तावित एंट्री का कांग्रेस, जनता दल सेक्यूलर (JDS) ने विरोध किया है. कर्नाटक में कांग्रेस के पार्टी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी नंदिनी ब्रांड को बेचना चाहती है. कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को गुजरात की अमूल को बेचने की बीजेपी की साजिश अब साफ दिखाई दे रही है.
डीके शिवकुमार ने नंदिनी को बताया बेहतर ब्रांड
वहीं, कर्नाटक कांग्रेस के चीफ डीके शिवकुमार ने कहा है, "हम हमारे किसानों और दूध को सुरक्षा देना चाहते हैं. हमारे पास पहले से ही नंदिनी है जो अमूल से बेहतर ब्रांड है. हमें किसी अमूल की जरूरत नहीं है. हमारा पानी...हमारा दूध और हमारी मिट्टी बेहद मजबूत है."
'कन्नड़ लोगों से जुड़ी सभी चीजों को बेच देंगे'
जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने भी इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी राय रखी. कुमारस्वामी ने कहा, ‘लगता है वन नेशन, वन अमूल, वन मिल्क, वन गुजरात केंद्र सरकार का आधिकारिक स्टैंड है.' वहीं, पू्र्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने इस ट्वीट से राज्य के लोगों को चेताया. उन्होंने कहा, वे कन्नड़ लोगों से जुड़ी सभी चीजों को बेच देंगे. हमारे बैंकों को बर्बाद करने के बाद अब वह हमारे नंदिनी ब्रांड को खत्म करना चाहते हैं, जो यहां के किसानों का ब्रांड है.
बीजेपी ने विपक्ष पर लगाया लगाया आरोप
इस बीच बीजेपी ने विपक्ष पर इस मामले में राजनीति करने और मिल्क ब्रांड की कॉन्ट्रोवर्सी से मक्खन निकालने की कोशिश करने का आरोप लगा रही है. इधर, कर्नाटक के को-ऑपरेशन मंत्री एसटी सोमशेखर ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि गुजरात का मिल्क ब्रांड, नंदिनी के लिए खतरा नहीं है. नंदिनी को अमूल पर बढ़त हासिल है, क्योंकि नंदिनी, अमूल से कम दाम पर मिलता है.
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