विज्ञापन
Story ProgressBack

क्यों कातिल बनी कर्नाटक की सड़कें? 24 घंटे में 150 हादसे और 51 मौत, 4 महीने में जा चुकी 4100 की जान

कर्नाटक में सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है. रविवार को 150 सड़क दुर्घटनाओं में 51 लोगों की मौत हो गई. इनमें ज्‍यादातर दोपहिया वाहन सवार थे.

Read Time: 3 mins
क्यों कातिल बनी कर्नाटक की सड़कें? 24 घंटे में 150 हादसे और 51 मौत, 4 महीने में जा चुकी 4100 की जान
कर्नाटक में पिछले चार महीनों के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 4100 लोगों की मौत हो गई. (प्रतीकात्‍मक)
बेंगलुरु  :

सड़क दुर्घटनाएं कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. कर्नाटक (Karnataka) में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) पर लगाम लगाने की तमाम कोशिशें नाकाम रही हैं. कर्नाटक में पिछले रविवार को एक ही दिन में करीब 150 सड़क दुर्घटनाओं में 51 लोगों की जान चली गई. कर्नाटक के ट्रैफिक और रोड सेफ्टी विभाग प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्‍स पर लिखा कि हासन कार दुर्घटना में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई और पिछले 24 घंटों में सड़क दुर्घटनाओं में 51 लोगों की जान चली गई, जो हाल के दिनों में सबसे ज्‍यादा है. इनमें से कई दुर्घटनाएं तेज और लापरवाह ड्राइविंग के कारण हुईं. 

कर्नाटक में औसतन 25 से 35 लोगों की जान हर रोज सड़क दुर्घटना की वजह से जाती है. वहीं हर रोज देश के अलग-अलग हिस्सों में 417 लोगों की जान सड़क हादसों की वजह से जाती है. देश में 2023 में एक लाख 68 हजार मौत सड़क दुर्घटनाओं की वजह से हुई. 

कर्नाटक में पहले चार महीने यानी इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच 15 हजार के करीब सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 4100 लोगों की जान चली गई.  

क्‍यों होती है सड़क दुर्घटनाएं? : अधिकारी ने बताया यह 

ट्रैफिक और रोड सेफ्टी विभाग प्रमुख  ADGP आलोक कुमार के मुताबिक "ओवरस्पीडिंग और ड्राइवर को पूरा आराम ना मिलने की वजह से गाड़ी चलाते वक्त नींद आना ज्‍यादातर जानलेवा सड़क हादसों की वजह बनते हैं." इसके अलावा गलत तरीके से लेन बदलना, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल और मंजिल तक जल्दी पहुंचने की कोशिश के कारण काफी दुर्घटनाएं होती हैं. हेलमेट ना लगाना किस तरह जानलेवा साबित होता है, इसकी मिसाल रविवार को कर्नाटक में हुए जानलेवा हादसों से मिलती है. जिन 51 लोगों की जान सड़क हादसों  की वजह से गई, उनमें 30 दोपहिया वाहन सवार थे. दोपहिया सवारों ने या तो हेलमेट नहीं पहना था या फिर उनके हेलमेट मानकों के अनुरूप नहीं थे. 

एक्‍सपर्ट ने लाइसेंस प्रक्रिया में बदलाव की जताई जरूरत 

सड़कों की इंजीनियरिंग भी कई हादसों की वजह बनती हैं. राजमार्गों पर कई ऐसी जगह हैं, जहां सबसे ज्‍यादा हादसे होते हैं, इन्हें ब्लैक स्पॉट कहा जाता है. ऐसी जगहों की खामियां जल्द से जल्द दूर करने की जरूरत है. ट्रैफिक मैनेजमेंट एक्सपर्ट श्रीहरि के मुताबिक, "वाहन चलाने के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है. महज कुछ घंटों की ट्रेनिंग देकर लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, जो सड़क हादसों की वजहों में से एक है."

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कैमरे ट्रैफिक नियमों के उल्‍लंघन को तो पकड़ लेते हैं, लेकिन जब तक उसे सड़क पर पकड़ा ना जाए जुर्माना जमा करवाने कोई नहीं आता है. ऐसे में इसे लागू करवाना भी बड़ी चुनौती है. 

सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी बनाई है, जिसका उद्देश्य 2030 तक सड़क हादसों को 50 फीसदी तक कम करना है. 

ये भी पढ़ें :

* सेक्स स्कैंडल मामले में प्रज्वल रेवन्ना को नोटिस जारी : केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी
* VIDEO: ये कोई फिल्म की शूटिंग नहीं है, कर्नाटक का ये गैंगवार आपके रोंगटे खड़े कर देगा
* 99 पर्सेंट नंबर, लेकिन काला अक्षर भैंस बराबर, जज के शक होने पर खुली पोल

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
बालकबुद्धि, शोले फिल्म की मौसी... पढ़ें पीएम मोदी के राहुल-कांग्रेस पर डायरेक्ट अटैक की 10 बातें
क्यों कातिल बनी कर्नाटक की सड़कें? 24 घंटे में 150 हादसे और 51 मौत, 4 महीने में जा चुकी 4100 की जान
अस्ताना में SCO शिखर सम्मेलन में जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
Next Article
अस्ताना में SCO शिखर सम्मेलन में जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;