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मैं नक्सल समर्थक नहीं, मेरी विचारधारा भारत का संविधान... उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी

उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए राधाकृष्णन और रेड्डी के बीच मुकाबला है. संख्याबल के आधार पर राधाकृष्णन का पलड़ा भारी है. मतदान नौ सितंबर को होगा. इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य यानी सांसद मतदाता होते हैं. 

मैं नक्सल समर्थक नहीं, मेरी विचारधारा भारत का संविधान... उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी
  • बी. सुदर्शन रेड्डी ने स्पष्ट किया कि वे नक्सल समर्थक नहीं हैं और उनकी विचारधारा भारत के संविधान पर आधारित है.
  • गृह मंत्री अमित शाह ने रेड्डी को नक्सल समर्थक बताते हुए सलवा जुडूम अभियान पर उनके फैसले की आलोचना की थी.
  • रेड्डी ने कहा कि सलवा जुडूम का फैसला सुप्रीम कोर्ट का था और उसमें कोई व्यक्तिगत बदलाव नहीं हुआ है.
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नई दिल्ली:

उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि वो कतई नक्सल समर्थक नहीं हैं और भारत का संविधान ही उनकी विचारधारा है. गृह मंत्री अमित शाह के आरोपों पर एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि बीएस रेड्डी ने कहा कि मैं कोई नक्सल समर्थक नहीं हूं ना ही सलवा जुडूम वाला फ़ैसला ”प्रो नक्सल” था. रेड्डी ने कहा कि वो सभी सांसदों को पत्र लिखकर समर्थक की अपील करेंगे और मौक़ा मिला तो प्रधानमंत्री से भी मिलना चाहेंगे.

दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बीएस रेड्डी को नक्सल समर्थक बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में  बीएस रेड्डी ने 2011 में छत्तीसगढ़ में तब की राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी सलवा जुडूम अभियान पर रोक लगा दी, जिससे नक्सलवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई प्रभावित हुई. इसका हवाला देकर अमित शाह ने बीएस रेड्डी को उप राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कांग्रेस और विपक्ष पर हमला बोला. 

इसका जवाब देते हुए रिटायर्ड जस्टिस रेड्डी ने कहा कि सलवा जुडूम का फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला था. उस पर पुनर्विचार नहीं हुआ. मेरे पहले और बाद के कई सुप्रीम कोर्ट के जजों ने इसे लेकर बदलाव नहीं किया. अब ये बात क्यों छेड़ी जा रही है? मेरी उम्मीदवारी पसंद नहीं आना अलग बात है. मुझे हैरानी है कि अमित शाह ये मुद्दा बार–बार उठा रहे हैं. सलवा जुडूम का फ़ैसला नक्सलियों के पक्ष में नहीं थी. वरना सभी जजों को नक्सल समर्थक बोलें. बीएस रेड्डी ने कई रिटायर्ड जजों की चिट्ठी का जिक्र कर कहा कि कई जजों ने इन आरोपों की निंदा की है. इसके अधिक मुझे और कुछ नहीं कहना. मेरी विचारधारा भारत का संविधान है और 1971 से मेरी यह यात्रा जारी है. 

रेड्डी ने कहा कि ऐसा माहौल बन गया है जैसे उनका मुकदमा अमित शाह से हो, जबकि अमित शाह एक महान और शक्तिशाली गृह मंत्री हैं जबकि मैं एक आम नागरिक हूं. प्रचार अभियान को लेकर रेड्डी ने कहा कि वो सभी सांसदों को पत्र लिखकर उनसे समर्थन की अपील करेंगे. पीएम और गृहमंत्री समय देंगे तो उनसे भी मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी प्रमुख और चंद्रबाबू नायडू से भी बात करेंगे. 

उप राष्ट्रपति चुनाव में नामांकन दाखिल करने के बाद रेड्डी ने दिल्ली में केजरीवाल और चेन्नई जाकर एमके स्टालिन से मुलाकात की. मंगलवार को वो अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात करेंगे. रेड्डी का शुक्रवार को मुंबई जा कर शरद पवार, उद्धव ठाकरे, शनिवार को रांची में हेमंत सोरेन और इसके बाद सप्ताह के अंत में कोलकाता जाकर ममता बनर्जी से मिलने का कार्यक्रम है. 

सत्ता पक्ष के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को लेकर पूछे जाने पर रेड्डी ने कहा कि वो कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ये बहुत सभ्य चुनाव होगा. राधाकृष्णन के आरएसएस से जुड़े होने को लेकर उठाए जा रहे सवालों को लेकर रेड्डी ने कहा कि इसमें कोई बुराई नहीं है. सबकी अपनी विचारधारा होती है. अगर वो जीते तो संविधान के मुताबिक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे और मैं जीता तो मैं भी वही करूंगा. 

उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए राधाकृष्णन और रेड्डी के बीच मुकाबला है. संख्याबल के आधार पर राधाकृष्णन का पलड़ा भारी है. मतदान नौ सितंबर को होगा. इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य यानी सांसद मतदाता होते हैं. 

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