बिहार में पत्रकार की गोली मारकर हत्या; CM नीतीश ने जताई चिंता, विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

बिहार के अररिया में एक जर्नलिस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई. फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. मिली जानकारी के मुताबिक पत्रकार विमल यादव अपने भाई की हत्या के केस में मुख्य गवाह थे.

बिहार के अररिया ज़िले के रानीगंज इलाके में एक पत्रकार की हत्या का मामला सामने आया है. एक दैनिक अखबार में काम करने वाले विमल यादव नाम के पत्रकार को बदमाशों ने घर के बाहर बुलाकर उन्हें गोली मार दी. जिससे उनकी मौक़े पर ही मौत हो गई. फिलहाल शव का पोस्टमार्टम अररिया के सदर अस्पताल में किया जा रहा है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना को दुखद बताया 
घटना रानीगंज बाजार इलाके की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे दुखद घटना बताया है और कहा है कि खबर सुनते ही उन्होंने तुरंत अधिकारियों को अपराध की जांच करने का निर्देश दिया. उन्होंने पटना में संवाददाताओं से कहा, ''किसी पत्रकार को इस तरह कैसे मारा जा सकता है.'' मुख्यमंत्री ने कहा, ''मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को सजा दी जाएगी.''
 

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अपने भाई की हत्या के केस में मुख्य गवाह थे विमल यादव 
दरअसल दो साल पहले पत्रकार विमल यादव के भाई की हत्या बदमाशों ने कर दी थी. वे इलाके के सरपंच थे. इसी हत्या के केस में विमल मुख्य गवाह थे और ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मुख्य गवाह होने की वजह से बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी. विमल कुमार यादव ने कथित धमकियों के बावजूद अदालत में चल रहे मुकदमे के दौरान अपने भाई के हत्यारे के खिलाफ गवाही दी.

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पड़ोसी के साथ था पुराना विवाद
बिहार पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, 'हमलावरों ने सुबह करीब 5.30 बजे यादव के घर का दरवाजा खटखटाया और जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, उन्होंने (हमलावरों) गोलीबारी शुरू कर दी.' अररिया के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह ने कहा, 'शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. जांच जारी है. फॉरेंसिक विशेषज्ञों और खोजी कुत्तों को बुलाया गया है. बताया जाता है कि विमल का पड़ोसी के साथ पुराना विवाद था. सभी पहलुओं से जांच की जा रही है.'पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय पीड़ित विमल कुमार यादव दैनिक जागरण अखबार में स्थानीय पत्रकार के रूप में काम करते थे.

पुलिस मामले की जांच में जुटी

विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला

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हालांकि, विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और दावा किया कि इस घटना से पता चलता है कि 'बिहार में लोकतंत्र खतरे में है'. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, ‘‘अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि बिहार में निर्दोष नागरिकों, पत्रकारों और यहां तक ​​कि पुलिसकर्मियों की भी हत्या की जा रही है.'' भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अररिया में जो हुआ वह वाकई दुखद है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले 'घमंडिया' महागठबंधन की राज्य में सरकार बनने के बाद से ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं.''