नई दिल्ली: दो हफ्ते की शांति के बाद, मणिपुर के उखरुल जिले में आज तीन लोगों की हत्या कर दी गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. लिटन के पास थोवई गांव में दो समुदायों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें तीन ग्रामीणों की मौत हो गई. सुबह-सुबह गोलियों की आवाजें सुनी गईं और सुरक्षा बलों के इलाके में पहुंचने के बाद ही गोलीबारी रुकी. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आसपास के गांवों और जंगलों की गहन तलाशी ली और तीन लोगों के शव पाए गए.
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अधिकारियों के मुताबिक, तीनों शवों पर धारदार चाकू से हमले के निशान हैं और उनके हाथ-पैर भी कटे हुए हैं. पूर्वोत्तर राज्य में बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किये जाने के दौरान तीन मई को हिंसा भड़की थी. तब से राज्य में 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
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मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
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