इंदौर की एक अदालत ने स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता के खिलाफ जमीन विवाद में 17 साल पहले एक व्यक्ति पर कथित हमले को लेकर दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ने का आदेश दिया है. आरोपियों को एक सत्र न्यायालय के सामने 10 मई को पेश होने का आदेश दिया गया है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अक्षय कांति बम, उनके पिता कांतिलाल और अन्य लोगों के खिलाफ यूनुस पटेल नाम के व्यक्ति पर चार अक्टूबर 2007 को जमीन विवाद में हमले के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्होंने बताया कि यह प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (गाली-गलौज), धारा 323 (मारपीट), धारा 506 (धमकाना) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी.
पटेल का आरोप है कि घटना के दौरान एक सुरक्षा एजेंसी के संचालक सतवीर सिंह ने अक्षय के पिता कांतिलाल के कहने पर उन पर 12 बोर की बंदूक से गोली भी दागी थी. पटेल ने इस आरोप को लेकर एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) के सामने अर्जी दायर की थी जिसे मंजूर करते हुए अदालत ने 24 अप्रैल को आदेश दिया कि आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी जाए.
जेएमएफसी ने अक्षय कांति बम और उनके पिता कांतिलाल को 10 मई को एक सत्र न्यायालय के सामने पेश होने का आदेश भी दिया है. गोलीबारी के आरोपी सतवीर सिंह की मृत्यु हो चुकी है, जबकि मामले के दो अन्य आरोपी सोहन उर्फ सोनू और मनोज फरार हैं. पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद मौके से 12 बोर की बंदूक और दागी गई गोली का खोखा बरामद किया गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं