केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि अगले स्वतंत्रता दिवस पर भारत की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन पेश की जाएगी जिसका निर्माण और डिजाइन स्वदेशी होगा. रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “भारत दुनिया की सर्वश्रेष्ठ ट्रेने बनाने में सक्षम है और अगला बड़ा काम 15 अगस्त 2023 को होगा जब हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें शुरू की जाएंगी.”
विश्व की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन पिछले महीने जर्मनी में शुरू की गई थी. हाइड्रोजन प्रदूषण रहित ईंधन है. गुरुवार को कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में बनी एक ट्रेन को हाल ही में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पांच ट्रेनों में शुमार किया गया है. उन्होंने कहा कि यह 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी. जिसने दुनिया को हैरान कर दिया.
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शून्य गति से 100 किमी प्रति घंटे की गति से चलने में केवल 52 सेकंड का समय लगा, जबकि जापान की प्रसिद्ध बुलेट ट्रेन को इसके लिए 55 सेकंड का समय लगा. वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंजीनियरों से विश्व स्तरीय ट्रेनों का निर्माण करने के लिए कहा था जो सुरक्षित, स्थिर और कम ऊर्जा की खपत के अलावा अच्छी गति से चलने वाली हों.
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रेलवे स्टेशनों की सफाई पर भी ध्यान दिया जा रहा था और 132 जिला मुख्यालय शहरों की पहचान करने के लिए एक सैटेलाइट मैप तैयार किया गया था, जिन्हें रेलवे कनेक्टिविटी की आवश्यकता थी. रेल मंत्री ने कहा कि इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि भारत में ट्रेनों का समयपालन वर्तमान में लगभग 89 प्रतिशत है, जिसे 100 प्रतिशत तक पहुंचने की जरूरत है.
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