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This Article is From Aug 25, 2022

'अमेरिका के साथ सैन्‍य अभ्‍यास पूरी तरह अलग" : भारत ने चीन के ऐतराज को किया खारिज

चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा इस सैन्य अभ्‍यास को लेकर की गई टिप्पणियों के बारे में मीडिया ब्रीफिंग में बागची से सवाल पूछा गया था.

'अमेरिका के साथ सैन्‍य अभ्‍यास पूरी तरह अलग" : भारत ने चीन के ऐतराज को किया खारिज
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

भारत ने अक्टूबर में उत्तराखंड में होने वाले भारत-अमेरिका सैन्य अभ्यास पर चीन के ऐतराज को बृहस्पतिवार को सिरे से खारिज कर दिया. भारत की ओर से गुरुवार को कहा गया कि लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) के नजदीक यह सैन्‍य अभ्‍यास पूरी तरह से अलग है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों पक्षों को अतीत के करार पर कायम रहना चाहिए. उन्‍होंने कहा, "मैं तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के संदर्भ को समझ नहीं पा रहा। भारत-अमेरिका अभ्यास पूरी तरह अलग चीज है और मुझे नहीं पता कि कौन सा रंग दिया गया है कि इसका निशाना उस तरफ है या यह किसी मौजूदा समझौते का उल्लंघन कर रहा है." चीन ने विवादित भारत-चीन सीमा के पास अक्‍टूबर में भारत और अमेरिका के बीच होने वाले संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास का गुरुवार को कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि यह द्विपक्षीय सीमा मुद्दे का उल्‍लंघन है और नई दिल्‍ली के बीजिंग के बीच के करारों का उल्‍लंघन है कि एलएसी के नजदीक कोई सैन्‍य अभ्‍यास आयोजित नहीं किया जाएगा.

चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा इस सैन्य अभ्‍यास को लेकर की गई टिप्पणियों के बारे में मीडिया ब्रीफिंग में बागची से सवाल पूछा गया था. चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल तान केफेई ने उम्मीद जताई थी कि भारतीय पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सैन्याभ्यास नहीं करने के द्विपक्षीय समझौतों का पालन करेगा.बागची ने चीन द्वारा समझौतों का उल्लंघन करके पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को बढ़ावा देने का परोक्ष उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘दोनों पक्षों को अतीत में हुए समझौतों पर कायम रहना चाहिए और जाहिर है कि ऐसा नहीं हुआ.''

भारत लगातार इस बात को कहता रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए एलएसी पर शांति और अमन जरूरी है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को डिजिटल तरीके से भाषण देने की अनुमति देने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के मतदान के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि यह रूस के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी समझ है कि हमने किसी के खिलाफ मतदान नहीं किया है. यह उन्हें डिजिटल तरीके से बोलने की अनुमति देने का प्रस्ताव है और हमने इसका समर्थन किया. मुझे लगता है कि वह तीसरी बार वर्चुअल माध्यम में बोले हैं.'' (भाषा से भी इनपुट)

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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