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भारत और चीन ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए मिलाया हाथ, LAC में पेट्रोलिंग को लेकर हुआ अहम समझौता

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया, "पिछले कुछ हफ्तों में भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई वार्ताएं हुई हैं. इन वार्ताओं के परिणामस्वरूप दोनों देश के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौता हुआ है. साथ ही दोनों देशों ने 2020 में पैदा हुए सीमा तनाव को जल्द सुलझाने के लिए संकल्प भी पारित किया गया है."

भारत और चीन ने LAC पर टकराव रोकने या कम करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल की है. दोनों देशों के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौता हो गया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसकी जानकारी दी. विक्रम मिस्री ने बताया, "पिछले कुछ हफ्तों में भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई वार्ताएं हुई हैं. इन वार्ताओं के परिणामस्वरूप दोनों देश के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौता हुआ है. साथ ही दोनों देशों ने 2020 में पैदा हुए सीमा तनाव को जल्द सुलझाने के लिए संकल्प भी पारित किया गया है."

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विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को कहा कि भारतीय और चीनी वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं. विदेश सचिव ने कहा कि भारतीय और चीनी वार्ताकार बाकी मुद्दों को सुलझाने के लिए पिछले कुछ हफ्तों से संपर्क में थे. समझा जाता है कि यह समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में गश्त से संबंधित है.

विदेश सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "बीते कुछ समय से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन दोनों की तरफ से LAC पर भारी संख्या में सेना की तैनाती की गई थी. हाल में हुए समझौते से दोनों देशों के बीच डिस-इंगेजमेंट हो रहा है. इससे आखिरकार उन मुद्दों का समाधान हो रहा है, जो इन क्षेत्रों में साल 2020 में पैदा हुए थे."

गलवान झड़प के बाद बढ़ गया था तनाव
बता दें कि 2020 में 15–16 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी. इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. जबकि चीन के करीब दोगुनी संख्या में सैनिक भी मारे गए थे. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या 35 बताई गई थी. हालांकि, चीन ने सिर्फ 3 सैनिकों की मौत की बात स्वीकार की. 

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इस सफलता की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूसी शहर कजान की यात्रा से एक दिन पहले हुई है. हालांकि, कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर द्विपक्षीय बैठक करेंगे.

भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबा बॉर्डर
भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है. दोनों देश लद्दाख में 1597 किलोमीटर, अरुणाचल प्रदेश में 1126 किलोमीटर, उत्तराखंड में 345 किलोमीटर, सिक्किम में 220 किलोमीटर और हिमाचल प्रदेश में 200 किलोमीटर बॉर्डर शेयर करते हैं. 1962 की जंग में चीन के सैनिक अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के अक्साई चिन इलाके में घुस गए थे. भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को अरुणाचल से तो खदेड़ दिया था. लेकिन, चीन के सैनिकों ने अक्साई चिन पर कब्जा कर लिया था. अक्साई चीन लद्दाख से सटा हुआ है और करीब 38 हजार वर्ग किलोमीटर का है.

भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC है. यह एक तरह से सीज फायर लाइन है. 1962 की जंग के बाद दोनों देशों की सेनाएं जहां, तैनात थी; उसे ही LAC मान लिया गया.

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