भोपाल लोकसभा सीट से टिकट कटने के बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्होंने 2019 में नाथूराम गोडसे के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणी के तुरंत बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगी थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी चुनावों में लड़ने के लिए टिकट नहीं मांगा है और पार्टी जो भी कहेगी वो काम करने के लिए वो पूरी तरह से तैयार हैं.
बता दें कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 में मालेगांव ब्लास्ट मामले की आरोपी रही हैं और 2019 में उन्होंने भोपाल की सीट से आम चुनाव जीता था. इसके कुछ वक्त बाद ही उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को "देशभक्त" कहते हुए एक विवादास्पद बयान दिया था, जो काफी सुर्खियों में रहा था. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि "यह बयान समाज में गलत संदेश देता है". पीएम मोदी ने कहा था, "उन्होंने माफी मांगी है लेकिन मैं उन्हें कभी माफ नहीं करूंगा."
पांच साल तक बीजेपी की ओर से भोपाल की सीट से सांसद रहने के बाद उन्हें पार्टी द्वारा जारी की गई 195 केंडीडेट्स की सूची से निकाल दिया गया है. पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि उम्मीदवारों के चयन में जीतने की क्षमता को देखते एक महत्वपूर्ण मानदंड है, लेकिन प्रज्ञा ठाकुर जैसे नेताओं की उत्तेजक टिप्पणियां उनके खिलाफ काम करती हैं. बीजेपी के एक नेता ने कहा, ''उन्हें टिकट न देने से यह संदेश जाता है कि सार्वजनिक जीवन में मर्यादा बनाए रखनी होगी.''
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है. उन्होंने कहा, "मेरी शुभकामनाएं आलोक शर्मा के साथ हैं, जो इस बार भोपाल से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार हम 400 सीटें पार करेंगे." जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके द्वारा की गई टिप्पणी के चलते बीजेपी के वरिष्ठ अधिकारियों ने ये फैसला किया? इस पर प्रज्ञा ने कहा, "मैंने कभी कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया है. मैंने हमेशा सच बोला है. हमें राजनीति में सच बोलने की आदत डालनी चाहिए. मैं एक साधू भी हूं. मीडिया मेरे बयानों को विवादास्पद बताती है लेकिन लोग मेरी सच्चाई को समझते हैं. मेरे बयानों पर विपक्ष, पार्टी पर निशाना साधता है."
उन्होंने कहा, लेकिन मेरी किसी भी बात ने अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल दुखाया है और उन्होंने कहा है कि वो मुझे कभी माफ नहीं करेंगे तो मैं कहना चाहूंगी कि ये मेरा इरादा कभी नहीं था. मैं ऐसा दोबारा कभी नहीं करूंगी. कांग्रेस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनके कार्यालय को बदनाम किया. उन्होंने एक राजनीतिक स्टंट किया.
यह पूछे जाने पर कि क्या भोपाल से भाजपा उम्मीदवार आलोक शर्मा को उनका समर्थन है, उन्होंने कहा, "उन्हें पूछने की जरूरत नहीं है. हम उन्हें जिताएंगे और इस बार 400 सीटें पार करेंगे."
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