शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के प्रमुख नेता संजय राउत ने मनी लॉन्डरिंग मामले में जेल में रखे जाने के दौरान के अपने अनुभव को बयां किया है. NDTV से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा, "मैं 100 दिन जेल में रहा, जेल में एक-एक घंटा सौ दिन का लगता है. 15 दिन तक मैंने सूरज की किरण नहीं देखी क्योंकि मुझे अंडा सेल में रखा गया था इसलिए मैं बीमार हो गया." राउत ने बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में हमारी (महाविकास अघाड़ी की) सरकार बनी तो कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लगा. इसके बाद वहां एक खेल शुरू होता है, सरकार गिराने की हर कोशिश की जाती है. धमकियां दी जाती है. हमारे खिलाफ जांच एजेंसी का मिसयूज किया जाता है. यह झारखंड और बंगाल में भी चल रहा है. शिवसेना नेता ने कहा, "इस बारे में मैंने राज्यसभा के तत्कालीन चेयरमैन और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखा था और इसकी जानकारी दी थी. बाद में हमारी सरकार गिरी, हमारे कई लोग तोड़े गए, क्यों और कैसे.. सबको मालूम है.
राउत ने आगे कहा, "अगर मैं सरेंडर हो जाता तो मैं जेल नहीं जाता. मैं चुप बैठता तो जेल नहीं भेजा जाता. लेकिन मुझे जेल भेजा गया..फिर से भी भेज सकते हैं. देश में हर राज्य में ऐसा होता रहा जो देश टूट जाएगा. आज डर के मारे उद्योग, उद्योगपति और कारोबारी देश छोड़कर जा रहे हैं, यह देश के लिए अच्छा नहीं है." उन्होंने कहा कि एक तरफ हमारे पीएम दुनिया में घूमकर देश की छवि अच्छी कर रहे, बीजेपी इसकी मार्केटिंग कर रही लेकिन उद्योगपति देश छोड़कर क्यों जा रहे है, यह सोचने वाली बात है." सवालिया लहजे में उन्होंने कहा, "हमारे देश में रहने पर लोगों के मन में डर क्यों पैदा हो रहा? क्या कानून एकतरफा काम कर रहा?" राउत में कहा पीएम का एक बयान अच्छा लगा जिसमें उन्होंने कहा कि कोई भी भ्रष्टाचारी छूट नहीं पाएगा. अच्छी बात है लेकिन क्या यह बयान केवल विरोधियों के लिए है? यह स्थिति सुधरनी चाहिए, चाहे सरकार किसकी भी हो."
इस सवाल पर कि आप अपने मामले में कोर्ट के जजमेंट को किस तरह से देखते हैं. निचली कोर्ट से बेल नहीं मिली बाद में बेल देते हुए कोर्ट ने 'इललीगल अरेस्ट' (अवैध गिरफ्तारी) जैसे शब्द का प्रयोग किया, इसके जवाब में राउत ने कहा, "कोर्ट का फैसला मेरे खिलाफ भी होता तो मैं इसका सम्मान करता. इस देश में न्याय व्यवस्था को आदर देना चाहिए. अगर यह दबाव में काम करेगी तो देश में सत्य मर जाएगा. बहुत से लोग कोर्ट में सड़ रहे हैं, मैंने 100 दिन जेल में रहते हुए देखा,एक एक घंटा सौ दिन का होता 15-15 तक सूरज की किरण नहीं देखी क्योंकि अंडा सेल में था इसलिए बीमार हो गया." अंडा सेल में आपको किस कारण रखा गया, जवाब में उन्होंने कहा-कारण सुरक्षा का दिया जाता है लेकिन एकांतवास में रखा जाता है लोगों से कम्युनिकेशन न हो, ज्यादा से ज्यादा यातना हो और आप घुटनों पर आए. किसी को सूरज की किरणें न मिलें तो शरीर में दिक्कत हो जती है. हमने भी यह भोगा है. उन्होंने कहा, "मेरा वजन 10 किलो कम हो गया है. रातभर फ्लड लाइट जलने का परिणाम मेरी आंखों पर भी हुआ है सुनने में तकलीफ हो रही है." संजय राउत महाविकास अघाड़ी के तीसरे नेता रहे जिन्हें जेल जाना पड़ा. दो अन्य नेता अनिल देशमुख और नवाब मलिक हैं, क्या जेल में इन दोनों से मुलाकात हुई, इस सवाल पर राउत बोले, "किसी से मुलाकात नहीं हुई. मुझे एकांतवास में रखा गया. अनिल देशमुख से एकाध बार मुलाकात हुई लेकिन उनकी भी तबीयत ठीक नहीं है. मैं तो अपने को वार प्रिनजर मानता हूं. लोकतंत्र में बदले की भावना से जो काम होता है, वह ठीक नहीं है. यह बात देश के लिए अच्छी नहीं है."
ठाकरे परिवार के बाद क्या इस समय संजय राउत शिवसेना (ठाकरे गुट) के सबसे बड़े नेता हैं, इस सवाल पर राउत ने कहा, "मैं ऐसा नहीं मानता. मैं पार्टी का सिपाही हूं. यह जरूर है क पार्टीमें मेरा स्थान रहा. सामना के संपदाक की कुर्सीं पर मैं 35 साल रहा हूं बाला सहाब के मार्गदर्शन में मैंने काम किया. पार्टी के प्रति मेरी वफादारी-निष्ठा रही. " इस सवाल पर कि पार्टी के कई नेता, दूसरे गुट में चले गए, राउत ने कहा कि जो नेता जा रहे उन्हें जाने दीजिए, जनता उनके साथ नहीं जाएगी. आदित्य ठाकरे के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने और वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर संजय राउत ने कहा कि सावरकर का मुद्दा हमारे लिए अहम है. सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणी का हम समर्थन नहीं करते.
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