केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को त्रिपुरा में केंद्रीय गुप्तचर ( इंटेलिजेंट) प्रशिक्षण संस्थान (सीडीटीआई) समेत 668 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. धलाई जिले के अंबासा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा त्रिपुरा में सीडीटीआई की स्थापना का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करना है.
उन्होंने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने विद्रोही समूहों के साथ तीन समझौतों और ब्रू रियांग समुदाय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करके त्रिपुरा में शांति बहाल की है. त्रिपुरा अब विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है.''
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिलांग में आयोजित पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के 69वें पूर्ण सत्र के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र की अनूठी सुरक्षा चुनौतियों का अध्ययन करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से एक अकादमिक शोध केंद्र स्थापित करने की सिफारिश की गई थी.
त्रिपुरा ने संस्थान के लिए पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिरानिया सब डिविजन में 9.57 एकड़ भूमि आवंटित की है. गृह मंत्रालय ने बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 120 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. आवंटित भूखंड का डिजिटल सर्वेक्षण पहले ही किया जा चुका है.
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘त्रिपुरा में सीडीटीआई प्रतिवर्ष पूर्वोत्तर राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 6,000 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित करेगा. संस्थान अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे उन्नत कक्षाओं, सिमुलेशन (अभ्यास) प्रयोगशालाओं, आईटी डेटा केंद्रों और व्यावहारिक प्रशिक्षण क्षेत्रों से लैस होगा, जो पुलिस कर्मियों को आधुनिक कौशल प्रदान करेगा.''
विज्ञप्ति में कहा गया है कि संस्थान पूर्वोत्तर में आंतरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करेगा. संस्थान में एक अलग शैक्षणिक अनुसंधान केंद्र भी होगा, जो शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से आतंकवाद रोधी उपायों, सीमा प्रबंधन, मानव तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध प्रवास और हथियारों की तस्करी जैसी प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों का अध्ययन करेगा.
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