
- फैटी लिवर अब गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है, भारत में करीब चौबीस करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं.
- फैटी लिवर से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां और कैंसर जैसे गंभीर रोगों का खतरा बढ़ जाता है
- मोटापा और गलत खानपान शराब की तरह ही लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं, दोनों के साथ होने पर खतरा कई गुना बढ़ जाता है
फैटी लिवर (Fatty Liver) अब 'लाइफस्टाइल पैनडेमिक' बन गया है और दुनिया भर में एक बिलियन से अधिक लोगों को यह समस्या है. भारत में ही करीब 24 करोड़ से ज्यादा युवा इस बीमारी की चपेट में हैं. ऐसे में इसको लेकर लोगों को सजग रहने की जरूरत है. ये बात नई दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (ILBS) के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में कही.
40% भारतीयों में फैटी लिवर
डॉ सरीन ने फैटी लीवर के बढ़ते मामले पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत में करीब 30 से 40 प्रतिशत लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं. उन्होंने एक सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली के 6 हजार लोगों की जांच में हर दूसरा व्यक्ति फैटी लिवर का शिकार पाया गया है.
फैटी लिवर से कई बीमारियों का खतरा
उन्होंने बताया कि अगर लिवर में ज्यादा फैट जमा हो जाए तो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और यहां तक कि कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में लिवर की स्थिति को नजरअंदाज करना खुद की सेहत से खिलवाड़ है.
फैटी लिवर सिर्फ शराब से नहीं, मोटापे से भी
डॉ. सरीन ने इस भ्रम से भी पर्दा हटाया कि सिर्फ शराब पीने वाले ही लिवर की बीमारियों का शिकार होते हैं. उन्होंने बताया कि मोटापा और गलत खानपान भी लिवर को उतना ही नुकसान पहुंचाता है जितना शराब. अगर दोनों साथ हों तो खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है.
माता-पिता का वजन ज्यादा, तो बच्चे भी मोटे
उन्होंने युवाओं को चेताया कि अगर माता-पिता का वजन अधिक है, तो लगभग 97% बच्चों में भी मोटापे की आशंका होती है. इसलिए फैमिली प्लानिंग से पहले यंग कपल्स को अपने स्वास्थ्य की जांच जरूर करानी चाहिए.
सही जीवनशैली का क्या फॉर्मुला?
डॉ एस.के सरीन ने बताया कि अगर पुरुष की लंबाई 170 सेंटीमीटर है तो उसमें से 100 घटा दें और जो आये वो उसका वजन होना चाहिए यानी वजन 70 किलोग्राम. वहीं, महिलाएं 170 सेंटीमीटर में से 105 घटा दें यानी 65 किलोग्राम वजन रखें. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को प्रतिदिन 40-45 मिनट व्यायाम करना चाहिए, 60% भोजन कच्चा जैसे- फल, सलाद का सेवन करना चाहिए और 40 साल के बाद एक वक्त ही खाना खाना चाहिए.
वैक्सीन से बचाव संभव
डॉ. सरीन ने लोगों से अपील की कि हेपेटाइटिस बी से बचने के लिए हर नवजात और वयस्क को टीका जरूर लगवाना चाहिए. यह सस्ती, असरदार और जीवनभर की सुरक्षा देती है. इसको नहीं लगवाने से खतरा बढ़ सकता है.
सरकार अलर्ट, राष्ट्रीय मिशन में किया गया शामिल
भारत सरकार ने फरवरी, 2021 से हेपेटाइटिस और फैटी लिवर की स्क्रीनिंग को नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (NCD) प्रोग्राम में शामिल किया है. फिलहाल यह 8 राज्यों में पूरी तरह लागू है. डॉ. सरीन ने विश्वास जताया कि अगर अन्य राज्य भी इसे अपने यहां लागू करें तो फैटी लीवर और हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या कम हो सकती है.
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